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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक कमरे से शुरु किया काम, क्लाइंट से मिलने खुद जाते थे केंद्रीय मंत्री, बताया अपना संघर्ष

Jyotiraditya Scindia- इंदौर में यंग एंटरप्रेन्योर फोरम समिट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने संघर्ष की दास्तां सुनाई

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Jyotiraditya Scindia

Jyotiraditya Scindia- image patrika.com

Jyotiraditya Scindia - पद-पैसे और रसूख की चमक-दमक देख हर कोई आकर्षित होता है पर इसके पीछे के संघर्ष को प्राय: नजरअंदाज कर देता है। इंदौर में यंग एंटरप्रेन्योर फोरम समिट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कैरियर के शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए अपने संघर्ष की दास्तां बयां की। उन्होंने बताया कि कैसे होटल के छोटे से कमरे से अपना काम शुरु किया। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में CM मोहन यादव भी उपस्थित थे। उन्होंने समिट में युवाओं को प्रेरक उद्बोधन दिया। यंग एंटरप्रेन्योर फोरम (YEF) समिट में बड़ी संख्या में देशभर से युवा उद्यमी, स्टार्टअप फाउंडर्स और उद्योग जगत से जुड़े लोगों के साथ आरएसएस के कार्यकर्ता, पदाधिकारी भी शामिल हुए।

सीएम मोहन यादव ने इंदौर की सांस्कृतिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नगर भगवान गणेश से जुड़ा हुआ है, जिन्हें बुद्धि और विवेक का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने कहा कि इंदौर उद्योग, स्टार्टअप और नवाचार के लिए देश के प्रमुख केंद्रों में तेजी से उभर रहा है।

युवा रोजगार मांगने वाले नहीं, बल्कि देने वाले बनें

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने युवाओं के लिए राज्य सरकार की हितकारी नीतियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि युवा रोजगार मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। इसके लिए राज्य सरकार हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

सीएम मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में मेडिकल एजूकेशन और स्वास्थ्य सेवाओं को एकीकृत कर नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। इससे न केवल खर्च घटेगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

यंग एंटरप्रेन्योर फोरम समिट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कामयाबी किसी एक्स फैक्टर से नहीं, बल्कि भरोसे यानि “डी फैक्टर” से मिलती है। उन्होंने कहा कि उद्यमिता का रास्ता सरल नहीं होता। धैर्य और निरंतर प्रयास बेहद जरूरी है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने जीवन के संघर्षों की दास्तां सुनाई

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समिट में उपस्थित युवाओं को अपने जीवन के संघर्षों की दास्तां भी सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे बेहद साधारण स्थिति में कैरियर की शुरुआत की थी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया-

“पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वे विदेश लौटे तो होटल के एक छोटे से कमरे से अपना काम शुरू किया। तब न कोई जान पहचान थी और न ही पर्याप्त संसाधन थे। हाल ये था कि प्रमोश्नल कॉलिंग से लेकर प्रेजेंटेशन बनाने तक का काम खुद ही किया। इतना ही नहीं, मैं खुद क्लाइंट के पास जाता था।”

नाकामयाबियों से डरने की बजाए उनसे सीख लें

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने युवाओं से कहा कि नाकामयाबियों से डरने की बजाए उनसे सीख लें। उन्होंने कहा कि मैंने कामयाबी और असफलता दोनों देखी, यहां तक कि बर्नआउट के करीब भी पहुंच गया पर हार नहीं मानी।

यंग एंटरप्रेन्योर फोरम समिट में युवाओं को विजन, साहस, टीमवर्क के साथ नैतिक मूल्यों और राष्ट्र निर्माण से जुड़कर आगे बढ़ने का मैसेज दिया गया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. निशांत खरे भी मौजूद थे।