MP News : अशोकनगर की तीन साल की बच्ची के सिर से उसके अधूरे जुड़वां का एक अतिरिक्त पैर और कूल्हा चिपका हुआ था। ऐसे मामले इतने दुर्लभ हैं कि 10 लाख में से एक में सामने आता है।
MP News : अशोकनगर की तीन साल की बच्ची के सिर से उसके अधूरे जुड़वां का एक अतिरिक्त पैर और कूल्हा चिपका हुआ था। ऐसे मामले इतने दुर्लभ हैं कि 10 लाख में से एक में सामने आता है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में परजीवी जुड़वां यानी पैरासिटिक ट्विन(Parasitic Twin) कहा जाता है। वहीं, बच्ची में यह स्थिति और भी जटिल थी क्योंकि उसकी मस्तिष्क की नसें इस अधूरे शरीर के अंदरूनी हिस्से से जुड़ गई थीं। ऐसे में इसे अलग करना एक बड़ी चुनौती थी, जिसे एम्स(Bhopal AIIMS) के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक पूरा किया। सर्जरी 3 अप्रेल को हुई।
एम्स मध्य भारत में विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। ऐसे अत्यंत जटिल मामलों में सफलता, हमारे डॉक्टरों की विशेषज्ञता, आपसी समन्वय और संस्थान की श्रेष्ठ संरचनागत सुविधाओं का परिणाम है। -डॉ. अजय सिंह, निदेशक, Bhopal AIIMS
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कई बार आपने सुना होगा कि कोई बच्चा चार पैर या फिर तीन हाथ के साथ पैदा हुआ है। यह एक तरह का जेनेटिक डिसऑर्डर है। इसे मेडिकल साइंस में पैरासिटिक ट्विन(Parasitic Twin) कहते हैं। एम्स में आई बच्ची के केस में एक अधूरा विकसित जुड़वां भ्रूण, उसकी खोपड़ी और गर्दन से चिपका था। परजीवी जुड़वां एक दुर्लभ स्थिति होती है, जब गर्भ में दो जुड़वां बच्चे बनने लगते हैं, लेकिन उनमें से एक का विकास रुक जाता है। अधूरा जुड़वां बच्चा खुद से नहीं जी सकता। इसलिए जुड़वां पर निर्भर रहता है।
न्यूरोसर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. सुमित राज ने बताया, बच्ची को न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती किया गया था। जहां एमआरआइ और सीटी स्कैन किए गए। जांच में पता चला, उसकी खोपड़ी और रीढ़ की हड्डी से एक अधूरे शरीर का पैर और कूल्हे की हड्डियां जुड़ी हुई थीं। जो दिमाग के बेहद नाजुक हिस्से ब्रेन स्टेम से चिपकी हुई थीं। जानकारी के आधार पर सर्जरी प्लान की गई। जिसमें कई विभाग के विशेषज्ञ साथ आए और 6 घंटे में इस जटिल सर्जरी को सफलता पूर्वक पूरा किया।