Corruption in AYUSH department: आयुष विभाग में एक महिला कर्मचारी ने आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती का टेंडर दिलवाने के नाम पर 1.50 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी। पुलिस ने मामला दर्ज किया।
Corruption in AYUSH department: मध्य प्रदेश के आयुष विभाग (AYUSH department) से एक बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। आयुष विभाग की एक महिला कर्मचारी प्रगति श्रीवास्तव ने 60 करोड़ का टेंडर दिलवाने के नाम पर 1.50 करोड़ रुपये की मांगी थी। टेंडर नहीं मिलने के बाद जब व्यक्ति ने रिश्वत की राशि वापस मांगी तो महिला कर्मचारी ने रिश्वत राशि वापस देने से मना कर दिया। ग्वालियर के बिलखिरिया थाना में व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है जिसके बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दरअसल, साल 2023 में आयुष विभाग (AYUSH department) में 3000 आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती का 60 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया था। इस टेंडर को पाने के लिए, ग्वालियर के धर्मवीर सिंह सेंगर ने महिला कर्मचारी प्रगति श्रीवास्तव से बात की थी। धर्मवीर सेंगर सिक्योरिटी सर्विसेज कंपनी के संचालक हैं। प्रगति ने धर्मवीर से कहा कि वह विभाग में उनकी पहुंच बहुत ऊंची है, तो उन्हें टेंडर तो मिल जाएगा, लेकिन इसके लिए 1.50 करोड़ रूपए देने होंगे। धर्मवीर ने इंस्टालमेंट में प्रगति को रिश्वत की राशि दी, लेकिन सरकार ने जनवरी 2024 में इस टेंडर को रद्द कर दिया गया।
इसके बाद धर्मवीर ने प्रगति से अपने रिश्वत के पैसे वापस मांगे, तो उसने लौटाने से साफ मना कर दिया। इसके बाद धर्मवीर ने बिलखिरिया थाना में प्रगति श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत की। शिकायत के दो महीने के बाद पुलिस ने शुरूआती जांच के आधार पर प्रगति श्रीवास्तव के खिलाफ मामला दर्ज किया। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस प्रगति के राजनीतिक लिंक को भी जांच रही है। इस मामले में आयुष विभाग (AYUSH department) का कहना है कि आरोपी महिला कर्मचारी खुद 9 साल से आउटसोर्स कर्मचारी के तौर पर काम कर रही थी। कर्मचारी के पति ठेकेदार है।