Sleep Divorce Benifits for strengthen Relationship : रिश्ता तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि जोड़ने के लिए कपल स्लीप डिवोर्स ले रहे हैं। भोपाल के मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने बताए इसके फायदे।
डिवोर्स ( Divorce ) का नाम सुनते ही रिश्ता टूटने की बात आती है, लेकिन यह डिवोर्स रिश्ता टूटने से बचाने के लिए लिया जा रहा है। नींद ( sleep ) में किसी तरह का खलल न पड़े, इसके लिए कपल्स स्लीप डिवोर्स ( Sleep Divorce ) ले रहे हैं। एक अमरीकी वेबसाइट के अनुसार वहां हर तीसरा कपल स्लीप डिवोर्स ले रहा है। वहीं, भारत के बड़े शहरों खासकर मेट्रो सिटीज के कपल्स में भी स्लीप डिवोर्स लेने का चलन ( Sleep Divorce Trend ) बढ़ने लगा है। इसपर मध्य प्रदेश राजधानी भोपाल के मनोचिकित्सक ( Psychologist ) का कहना है कि, बेहतर नींद के अभाव में कई कपल मानसिक रूप से परेशान ( mentally disturb ) होते हैं। जिन्हें स्लीप डिवोर्स लेने की सलाह दी जाती है। यह स्लीप डिवोर्स लांन्ग टर्म या फिर कुछ समय के लिए हो सकता है।
कई बार देखा जाता है कि एक पार्टनर की नींद दूसरे पार्टनर की कुछ आदतों के कारण खराब होती है। जिनमें एक पार्टनर के खर्राटे लेने, एसी का तापमान, देर तक जागने, नाइट शिफ्ट वर्किंग या फिर कोई बीमारी आदि कारण हो सकते हैं। इसके चलते कई बार कपल्स के बीच झगड़े तक हो जाते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए उन्हें स्लीप डिवोर्स की सलाह दी जाती हैं। स्लीप डिवोर्स उस स्थिति को कहते है, जिसमें कपल्स अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग सोते हैं। अपनी नींद को बेहतर बनाने के लिए इस प्रक्रिया को अपनाते हैं।
डॉक्टर्स का मानना है कि आजकल कपल्स इतने समझदार है कि वे अपनी मर्जी से स्लीप डिवोर्स को अपना रहे हैं। इससे उनकी जीवनशैली के साथसाथ नींद की क्वालिटी में भी सुधार होता है। साथ ही उन्हें पर्सनल स्पेस भी मिल जाता है। हालांकि इसमें कपल्स को पहले आपस में बात करनी चाहिए और आपसी रजामंदी से स्लीप डिवोर्स को अपनाना चाहिए।
भोपाल के मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि नींद पूरी नहीं होने के कारण तनाव और चिड़चिड़ापन होता है। जिसका असर कपल्स के रिश्तों पर भी पड़ता है। ऐसे में देश में कपल्स स्लीप डिवोर्स को अपना रहे हैं। दोनों पार्टनर के वर्किंग ऑवर और नींद पैटर्न अलग-अलग है तो उन्हें एक साथ काफी परेशानी होती है। ऐसे में उन्हें स्लीप डिवोर्स लेने की सलाह दी जाती है।