भोपाल

Budget 2025: केंद्र सरकार से 17,000 करोड़ की मांग, देश के बजट से एमपी को उम्मीदें

Central Budget 2025 : एक फरवरी शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने कार्यकाल का आठवां केंद्रीय बजट 2025-26 लोकसभा में पेश करने जा रही हैं। उद्यमी, कारोबारी और आमजन इससे काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं। वहीं मध्यप्रदेश सरकार को उम्मीद है कि आने वाले बजट में उन्हें ज्यादा 'डेवोल्यूशन' मिलेगा।

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Feb 01, 2025
Central Budget 2025

Central Budget 2025 : एक फरवरी शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण(Nirmala Sitharaman) अपने कार्यकाल का आठवां केंद्रीय बजट 2025-26 लोकसभा में पेश करने जा रही हैं। उद्यमी, कारोबारी और आमजन इससे काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं। वहीं मध्यप्रदेश सरकार को उम्मीद है कि आने वाले बजट में उन्हें ज्यादा 'डेवोल्यूशन' मिलेगा। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दिए जाने वाले टैक्स का हिस्सा होता है, जिसे 'डेवोल्यूशन' कहते हैं। सरकार का तर्क है कि राज्य की जनसंख्या बढ़ रही है और विकास कार्यों के लिए ज्यादा पैसे की आवश्यकता है।

बकाया पैसों की मांग

केंद्रीय बजट(Budget 2025) पेश होने से पहले मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र से 17,000 करोड़ रुपए की देनदारी की मांग की है। बता दें कि पिछले वर्ष जुलाई में पेश हुए अंतरिम केंद्रीय बजट के मुताबिक एमपी को इस साल 97,000 करोड़ रुपए मिलने थे लेकिन अभी यह बकाया है। केंद्र की ओर से प्रदेश को अभी तक 80,000 करोड़ रुपए ही मिले हैं। एमपी सरकार ने केंद्र से बाकी राशि जारी करने की मांग की है।

मध्यप्रदेश को बजट से उम्मीदें

केंद्र सरकार के आम बजट(Budget 2025) को लेकर पत्रिका कार्यालय में टॉक शो का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के प्रबुद्ध वर्ग, व्यापारी, उद्यमी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर सलाहकार, स्टूडेंट, पेंशनर्स ने बेबाकी से अपनी बात रखते हुए कहा कि यह बजट मध्यप्रदेश को बूस्ट करने वाला साबित होगा। सभी का कहना था कि सरकार को लोकलुभावना बजट न बनाते हुए आम आदमी की जरूरतों और महंगाई को ध्यान में रखकर बजट बनाना चाहिए।

एमएसएमई में क्रेडिट बढ़ाई जाए

क्वालिटी सर्किल फोरम ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश मिश्रा के मुताबिक, बजट ऐसा हो, जिससे इकोनॉमी ग्रोथ होने के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और जॉब क्रियेट हो। आम आदमी को फायदा जरूर मिलना चाहिए। बजट में एमएसएमई पर फोकस करते हुए क्रेडिट बढ़ाई जानी चाहिए। इसके साथ ही साइबर सिक्योरिटी पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है।

वन नेशन वन टैक्स किया जाए

ग्वालियर डिस्ट्रिक्ट पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव के मुताबिक, सरकार(Central Budget 2025) की ओर से वन नेशन वन टैक्स अभी तक नहीं किया गया है। यही वजह है कि देश में पेट्रोल-डीजल की दरें अलग-अलग हैं। मध्यप्रदेश के डीलरों को भी इस विसंगति से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में टैक्स दरों को कम करने बहुत जरूरत है।

कर प्रणाली सरल और सहज बनाई जाए

सराफा कारोबारी संदीप मित्तल का कहना है कि, बजट में जीडीपी में बढ़ोतरी पर विशेष ध्यान देना होगा। हमारे युवाओं को विदेश में निवेश ना करते हुए देश में ही काम करना चाहिए। आम आदमी जो 20 हजार रुपए मासिक कमा रहा है, उस पर भी टैक्स का भार आ रहा है। ऐसे में कर प्रणाली सरल और सहज बनाई जानी चाहिए।

आम आदमी को ध्यान में रखा जाए

मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल के अनुसार, सरकार को लोक लुभावन बजट(Central Budget 2025) से दूर रहते हुए मुफ्त की योजनाओं से भी दूरी बनाना चाहिए। आम आदमी को ध्यान में रखते हुए बजट बनाना चाहिए। जिन जगहों से टैक्स आता है, उनकी ओर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। सिर्फ बड़े शहरों पर ही नहीं बल्कि ग्वालियर जैसे टू टीयर शहर के बारे में भी बजट में प्रावधान होना चाहिए।

शिक्षण सामग्री पर जीएसटी हटाया जाए

गुरुकुल ड्रीम फाउंडेशन के समन्वय जयेश श्रीवास्तव ने कहा, अब तो शिक्षण सामग्री पर भी 18 फीसदी तक जीएसटी वसूला जा रहा है, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी। उच्च शिक्षा के लिए सरकार को अलग से बजट देना चाहिए। वर्तमान दौर में प्राइमरी शिक्षा भी महंगी हो गई है, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

स्किल डेवलपमेंट बहुत जरूरी

जेसी मिल कन्या महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ.अंजू श्रीवास्तव का कहना है कि, न्यू एजुकेशन पॉलिसी में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम सिर्फ प्रोजेक्ट बनकर रह गया है। बच्चे एमपी ऑनलाइन से तैयार कराकर दे देते हैं। जीडीपी बढ़ाने के लिए अब स्किल डेवलपमेंट बहुत जरूरी है। सरकार को बजट में इस पर ध्यान देना चाहिए।

Updated on:
01 Feb 2025 09:40 am
Published on:
01 Feb 2025 09:21 am
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