- राज्यसभा चुनाव पर 3 मार्च को कमलनाथ-बावरिया की बैठक,
भोपाल : राज्यसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद कांग्रेस में दावेदारों ने अपना-अपना दावा पेश करना शुरु कर दिया है। संगठन में अब ये मांग उठने लगी है कि एक सीट पर अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के नेता को राज्यसभा भेजा जाए। तीन मार्च को प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया का भोपाल दौरा है। इस दौरान वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर राज्यसभा चुनाव के बारे में भी चर्चा करेंगे। कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है। एक सीट दिग्विजय सिंह का कार्यकाल पूरा होने के कारण ही खाली हो रही है। विधानसभा के संख्या गणित के आधार पर राज्यसभा की तीन सीटों में से दो कांग्रेस को मिल सकती हैं।
जातिगत समीकरण साधने पर जोर :
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी कहते हैं कि वैसे तो राज्यसभा सीट पर उम्मीदवारों का फैसला पार्टी हाईकमान करते हैं लेकिन इसमें जातिगत समीकरण देखा जाना चाहिए। चौधरी ने कहा कि कांग्रेस को इस बार राज्यसभा की एक सीट का फायदा है तो किसी आरक्षित वर्ग के नेता को इस सीट से उम्मीदवार बनाना चाहिए। कांग्रेस के आदिवासी विधायक हीरा अलावा ने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनावों में आदिवासी वर्ग ने कांग्रेस को खूब वोट दिया है इसलिए एक सीट पर किसी आदिवासी नेता को उम्मीदवार बनाकर राज्यसभा भेजा जाना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत कहते हैं कि संगठन को उम्मीदवार चयन में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
- राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का फैसला सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। प्रदेश से बाहर के नेता को राज्यसभा सीट से उम्मीदवार बनाने की कोई संभावना नहीं है। इस बारे में अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी और मुख्यमंत्री का होगा।
- राजीव सिंह प्रदेश महासचिव,कांग्रेस -