भोपाल

बदलते मौसम में फट रहे हैं कान के पर्दे, शहर में मिले 8 मरीज, ये है वजह, रहें अलर्ट

Side Effects of Blowing Nose Too Hard : जेपी अस्पताल और हमीदिया अस्पताल में इस सप्ताह जुकाम के बाद कान के पर्दे को हुए नुकसान के 8 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर वे हैं, जिनमें मरीजों ने नाक छिडक़ते समय अधिक जोर लगाया।

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Feb 14, 2025
side effects of blowing nose too hard

Side Effects of Blowing Nose Too Hard : सुबह-शाम सर्दी और दिन में गर्मी। मौसम का यह मिजाज भोपाल वासियों को बीमार कर रहा है। सर्द-गर्म के कंफ्यूजन में लोगों ने एकाएक गर्म कपड़ों से दूरी बना ली। इससे वे सर्दी-जुकाम व वायरल फ्लू संक्रमित हो रहे हैं। इनमें से 20 से 25 फीसदी ऐसे मरीज हैं, जो जुकाम की वजह से नाक साफ करते समय अधिक जोर लगाते हैं। इससे कान के पर्दों पर असर पड़ रहा है। इएनटी विशेषज्ञों की सलाह है कि नाक साफ करते समय ज्यादा जोर ना लगाएं। इससे बेहतर है भांप लें।

इस सप्ताह आए 8 केस

जेपी अस्पताल और हमीदिया अस्पताल में इस सप्ताह जुकाम के बाद कान के पर्दे(Eardrums) को हुए नुकसान के 8 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर वे हैं, जिनमें मरीजों ने नाक छिडक़ते समय अधिक जोर लगाया। जिसके कारण कान के पर्दों पर असर पड़ा। वहीं कुछ मामलों में बलगम जमने से इंफेक्शन फैला, जो कान तक पहुंच गया।

ये हो सकता है खतरा

● कान का पर्दा(Eardrums) फट सकता है

● कान के पर्दे में चोट आ सकती है

● नाक की नसें फटने से खून आ सकता है

● नाक और कान दोनों पर असर पड़ सकता है

बार-बार और जोर से नाक साफ करना गलत

नाक और कान एक ट्यूब के जरिए जुड़े हुए होते हैं। ऐसे में जब नाक साफ करने में कोई ज्यादा जोर लगाता है तो इसका असर कान पर भी पड़ता है। इसलिए ज्यादा जोर से नाक साफ करने को मना किया जाता है। हर बार सर्दी खांसी के जब मामले बढ़ते हैं तो इससे कान के पर्दे को हुए नुकसान के केस भी बढ़ते हैं। जुकाम हो तो भांप लें। -डॉ. यशवीर जेके, इएनटी विशेषज्ञ, हमीदिया अस्पताल

Published on:
14 Feb 2025 08:30 am
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