Finance Department order- कैबिनेट के फैसले के बाद वित्त विभाग का नया आदेश जारी, आउटसोर्स श्रेणी पर दिए निर्देश
Finance Department order- मध्यप्रदेश में राज्य सरकार के कर्मचारियों, अधिकारियों की श्रेणियों को लेकर कवायद जारी है। इस संबंध में प्रदेश कैबिनेट के फैसले के बाद राज्य के वित्त विभाग ने नया आदेश जारी कर दिया है। इसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों, अधिकारियों को स्थायी, अस्थायी, संविदा, आउटसोर्स, कार्यभारित, आकस्मिकता निधि और अंशकालिक श्रेणियों में बांटा गया है। सोमवार को जारी नए नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में आउट सोर्स कर्मचारी श्रेणी को समाप्त करने की बात कही गई है। कर्मचारियों की इस बड़ी श्रेणी को मार्च 2027 तक समाप्त करने की तैयारी है। सरकार के इस फैसले से प्रदेशभर में आउटसोर्स अधिकारियों, कर्मचारियों में खलबली मची है। संगठनों ने इसका विरोध किया है।
एमपी में सरकारी विभागों में कर्मचारियों, अधिकारियों की कई श्रेणिया हैं। इससे न केवल भ्रम पसरता है बल्कि भर्ती प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है। इसे दूर करने के उद्देश्य से कैबिनेट ने प्रदेश में कर्मचारियों की श्रेणी तय करने का फैसला लिया था। इसके परिपालन में वित्त विभाग ने तत्संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं।
विभागीय आदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कहा गया है कि उनके लिए कोई पद सृजित नहीं माना जाएगा। उनकी नियुक्ति निजी एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी। आउट सोर्स सेवाएं चरणबद्ध रूप से मार्च 2027 तक समाप्त कर इनके स्थान पर जरूरत होने पर नियमित कर्मचारी की ही भर्ती की जाएगी।
दरअसल प्रदेश में विभिन्न विभागों में ज्यादातर आउट सोर्स कर्मचारी, अधिकारियों की नियुक्ति नियमित पदों के विरुद्ध ही की गई है। अब इसकी अनुमति नहीं देकर आउटसोर्स श्रेणी खत्म करने के लिए कहा जा रहा है।
राज्य में आउट सोर्स श्रेणी, कर्मचारियों की बड़ी श्रेणी है। इसकी समाप्ति के लिए सरकारी फैसले का तगड़ा विरोध हो रहा है। आउटसोर्स अधिकारी, कर्मचारी संगठनों ने श्रेणी समाप्ति का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई पद सृजित नहीं माना जाएगा। उनकी नियुक्ति निजी एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी। मार्च 2027 तक आउट सोर्स सेवाएं खत्म कर जरूरी होने पर नियमित कर्मचारी को भर्ती किया जाएगा।
बता दें कि प्रदेश में 3 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी, अधिकारी कार्यरत हैं। विभिन्न सरकारी विभागों, निगम मंडलों के साथ बिजली कंपनियों व कई उपक्रमों की व्यवस्थाएं इन्हीं के भरोसे चल रहीं हैं।