भोपाल

भोपाल में जल्द बनेगा पहला सरकारी IVF सेंटर, निसंतान दंपती के घरों में गूजेंगी किलकारियां

- 20 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा सेंटर, हर साल प्रदेश के निजी संस्थानों में हो रहे 400 आइवीएफ

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Jul 26, 2024

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में इस साल के अंत तक प्रदेश का पहला सरकारी आइवीएफ सेंटर एम्स भोपाल में शुरू हो जाएगा। जिसके जरिए गरीब निसंतान दंपती के घरों में भी किलकारियां गूजेंगी। यह सेंटर 20 करोड़ का लागत से तैयार किया जा रहा है। यह बातें एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने शुक्रवार को संस्थान में विश्व आइवीएफ डे पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। कार्यक्रम में भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी भी मौजूद रहे। बता दें, सरकारी आइवीएफ सेंटर को लेकर पत्रिका द्वारा अभियान चलाया गया था।

हर साल प्रदेश में हो रहे 400 आइवीएफ

प्रदेश के 32 से ज्यादा निजी आइवीएफ सेंटर में हर साल लगभग 4 सौ आइवीएफ हो रहे हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा लगभग दो सौ इंदौर और इसके बाद सौ के करीब भोपाल में होते हैं। वहीं बेहद कम संख्या में ग्वालियर समेत अन्य शहरों में हो रहे हैं।

जाने क्या है आइवीएफ

आईवीएफ गर्भधारण की एक आर्टिफिशियल प्रक्रिया, इस तकनीक से पैदा हुए बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। आईवीएफ उपचार के दौरान प्रयोगशाला में महिला के एग्स और पुरुष के स्पर्म को मिलाया जाता है। जब संयोजन से भ्रूण बन जाता है तब उसे वापस महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है।

गर्भधारण न कर पाने के पीछे यह हो सकते हैं कारण

  • -अंडे या शुक्राणु में खराबी
  • -गर्भाशय के आकार में समस्या
  • -गर्भाशय में फाइब्रोइड
  • -शरीर में हार्मोन का असंतुलन
  • -गर्भाशय में संक्रमण, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, थायराइड, तनाव या अन्य रोग
Updated on:
26 Jul 2024 10:13 pm
Published on:
26 Jul 2024 10:12 pm
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