कोई भी व्यक्ति जो सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में अस्पताल और ट्रामा केयर सेंटर पहुंचाकर उसकी जान बचाता है, तो उसे गुड सेमेरिटन योजना के तहत 5 हजार रुपए का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
भोपाल. कोई भी व्यक्ति जो सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में अस्पताल और ट्रामा केयर सेंटर पहुंचाकर उसकी जान बचाता है, तो उसे गुड सेमेरिटन योजना के तहत 5 हजार रुपए का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। यह बात पुलिस उपायुक्त यातायात संजय सिंह ने एक निजी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा घायल व्यक्ति कि मदद के लिए शासकीय प्रावधान के सवाल का जवाब देते हुए कही।
उन्होंने यातायात नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि सड़क के बिना आज के युग में हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। जब भी हम घर से निकलते हैं, तो सीधे सड़क के संपर्क में आते हैं। हम यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो यह दुघर्टना का कारण कारण बनता है। इसमें हम घायल होने के साथ ही कई मौके पर जान तक गवां देते हैं। सिंह ने कहा कि दुघर्टना के कारणों में नशे की हालत में और तेज गति से वाहन चलाना प्रमुख कारण हैं।
आयोजन में ट्रैफिक और एजुकेशन सेल प्रमुख विक्रम सिंह रघुवंशी अतिरिक्त पुुलिस उपायुक्त यातायात मिलन जैन। डॉ अजय भूषण उप कुलपति, डॉ. सतीश सिन्हा रजिस्ट्रार सहित करीब 250 छात्र, छात्राओं के साथ यातायात प्रशिक्षण सेल टीम के सदस्य मौजूद रहे।
वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश में 55 हजार 327 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 13 हजार 798 लोगों की मौत हुई और 9 हजार 51 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इन सड़क हादसों में हेलमेट नहीं पहनने वाले 5 हजार 512 लोगों की मौत हुई है।
मध्यप्रदेश पुलिस प्रदेश भर में हेलमेट जागरुकता के लिए अभियान चला रही है। इसमें पोस्टर और स्लोगन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ''मेरे पापा सेफ हैं और आपके?ÓÓ जैसे स्लोगनों से लोगों को अवेयर किया जा रहा है।
दुघर्टना में घायल होने पर लोग मदद नहीं करते, वजह पुलिस द्वारा की जाने वाली पूछताछ है
उत्तर- वर्ष 1989 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि कोई व्यक्ति दुर्घटना में घायल की मदद करता है, उसे अस्पताल ले जाता है, तो पुलिस उससे अनावश्यक पूछताछ नहीं करेगी।
दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने पर कहतें हैं बहुत देर हो गई, तब हम क्या करें
उत्तर- आप घटना स्थल पर हैं तो आपका दायित्व है कि घायल की मदद करें। प्राथमिक उपचार करें, ब्लड को बहने से रोकें और 108, 100 डॉयल को सूचना दें, ताकि पुलिस घायल की मदद कर सके।