Ganesh Idol Stone Pelting Case : गणेश प्रतिमा पर हुई पत्थरबाजी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। विशेष समुदाय के जिन लोगों को आरोपी बताकर एफआईआर दर्ज कराई गई, वो घटना के समय मौके पर मौजूद ही नहीं थे।
Ganesh Idol Stone Pelting Case :मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार रात को विसर्जन के लिए ले जाई जा रही गणेश प्रतिमा पर हुई पत्थरबाजी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। विशेष समुदाय के जिन लोगों को आरोपी बताकर एफआईआर दर्ज कराई गई है वो घटना के वक्त मौके पर मौजूद ही नहीं थे। बल्कि, जिस समय घटना हुई वो कहीं और मौजूद थे। मूर्ति खंडित करने के आरोपी बनाए गए युवकों में से एक अब्दुल हलीम ने खुद को बेकसूर बताते हुए ्पनी लोकेशन किसी अन्य स्थान पर बताई है। इसकी प्रमाणिकता के लिए पुलिस को घटना के समय के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराए गए हैं।
भोपाल में गणेश प्रतिमा पर हुई पत्थरबाजी के मामले में नामजद केस दर्ज करवाने वाले ही अब सवालों के घेरे में आ गए हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि, जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, घटना के समय उनकी लोकेशन मौके पर थी ही नहीं। केस में एक आरोपी बनाए गए अब्दुल हलीम ने पुलिस को जो सीसीटीवी फुटेज दिए हैं उनके अनुसार, घटना के समय अब्दुल हलीम अपनी टायर की दुकान पर बैठा था। जबकि, दूसरा आरोपी साहिल बच्चा घटना के वक्त अपने पिता के साथ रंभा नगर इलाके में हंगामा कर रहा था।
पुलिस तफ्तीश में एक और बात जो निकलकर सामने आई है वो ये कि, जिस अब्दुल हलीम पर समिति के अध्यक्ष चरण कुशवाह द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई है, उसपर अब्दुल हलीम ने एक महीने पहले वाहन में तोड़फोड़ करने का केस दर्ज कराया था। यानी मौजूदा फरियादी और आरोपी के बीच पहले से विवाद चल रहा है। मामला सामने आने के बाद समिति अध्यक्ष चरण कुशवाह मंगलवार देर रात तक इस मामले में बयान दर्ज कराने थाने नहीं पहुंचे। अब पुलिस जांच के आधार पर तो बड़ा सवाल ये उठने लगा है कि, आखिर जिन लोगों को नाम सहित गणेश प्रतिमा पर पथराव का आरोपी बताया गया है, जब वो घटना स्थल पर नहीं थे तो आखिर भगवान गणेश की प्रतिमा खंडित किसने की?
गौरतलब है कि सोमवार को गौतम नगर थाना इलाके में स्थित आरिफ नगर क्षेत्र से हिंदू समुदाय के लोग गणेश प्रतिमा विसर्जित करने ले जा रहे थे। इस दौरान पत्थरबाजी का आरोप लगाकर इलाके में जमकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने थाने पहुंचकर चक्काजाम किया और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए उके खिलाफ केस दर्ज कराया गया। क्षेत्र में तनाव के हालात बन गए, जिसे संभालने के लिए भारी पुलिसबल तैनात करना पड़ा। खुद जिले के आला अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर हालात संभालने पड़े थे।
हालात काबू में करने के लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा बताए नामों के तहत पुलिस को विशेष समुदाय के तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। पुलिस ने अब्दुल हलीम, साहिल बच्चा और यामीन पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर हंगामे को शांत कराया। ये मामला समिति के अध्यक्ष चरण सिंह कुशवाहा की शिकायत पर दर्ज हुआ था।केस दर्ज होने के बाद इलाके से चक्काजाम खत्म हुआ था।