Transfer of Patwaris- एमपी में पटवारियों के प्रति सरकार का सख्त रवैया अभी भी जारी दिख रहा है। राज्य सरकार ने उनके तबादलों के लिए अलग पॉलिसी बनाई है।
Transfer of Patwaris - एमपी में पटवारियों के प्रति सरकार का सख्त रवैया अभी भी जारी दिख रहा है। राज्य सरकार ने उनके तबादलों के लिए अलग पॉलिसी बनाई है। इसमें भी सख्त प्रावधान किए गए हैं। राजस्व विभाग ने पटवारियों को किसी भी हाल में होम टाउन में पदस्थ नहीं करने का कड़ा फैसला लिया है। इसके साथ ही नई नीति में कहा गया है कि लोकायुक्त में प्रकरण होने पर पटवारी को स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा। विभाग के अनुसार पटवारियों के तबादलों में जिले में स्वीकृत पदों और आरक्षण नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। सख्त नीति के बाद भी प्रदेश के हजारों पटवारियों को इधर से उधर किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में सामान्य प्रशासन विभाग अधिकारी-कर्मचारियों के लिए तबादला नीति जारी कर चुका है। अब पटवारी के लिए नई नीति जारी की गई है। दरअसल प्रदेश में पटवारी, जिलास्तरीय संवर्ग का पद है जिसके कारण उनके लिए राजस्व विभाग ने अलग से तबादला नीति जारी की है।
नई नीति में ऐसे पटवारी तबादलों के पात्र नहीं होंगे जिनके विरुद्ध लोकायुक्त में आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं। पटवारी को जिला आवंटित हो जाने पर हर हाल में वहीं उपस्थिति देनी होगी। रिक्त पद उपलब्ध होने पर ही चाहे गए जिले में संविलयन किया जाएगा। इसमें भी जिला आरक्षण रोस्टर का पालन किया जाएगा। खास बात यह है कि दूसरे जिले में संविलियन के लिए ऐसे ही पटवारी आवेदन कर सकेंगे जिन्हें पटवारी परीक्षा 2022 के 16 फरवरी 2024 को घोषित रिजल्ट के पूर्व ही पदस्थ किया जा चुका हो।
प्रदेश में पटवारियों की सबसे ज्यादा शिकायतें होती हैं। ऐसे में राज्य के हजारों पटवारी विभागीय अधिकारियों, स्थानीय नेताओं की निगाह में हैं जिनका स्थानांतरण किया जाना तय है।