भोपाल

भोपाल में कपड़ों के कचरे से बन रहा हाई क्लॉस कॉटन और फाइबर

Bhopal Nagar Nigam- देश-दुनिया में बढ़ता कचरा लोगों और सरकारों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। इसके उचित निष्पादन के लिए तमाम कवायदें की जा रहीं हैं।

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Sep 14, 2025
High class cotton and fiber- demo pic

Bhopal Nagar Nigam- देश-दुनिया में बढ़ता कचरा लोगों और सरकारों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। इसके उचित निष्पादन के लिए तमाम कवायदें की जा रहीं हैं। एमपी मेें भी कचरे की रिसाइकिलिंग पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए विशेष तौर पर नगरीय निकायों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राजधानी भोपाल में कचरे के निष्पादन के लिए बड़ी पहल की गई है। यहां पीपीपी मॉडल पर एक अत्याधुनिक प्लांट तैयार किया गया है जिसमें बेकार कपड़ों के कचरे को रिसायकल किया जा रहा है। इससे हाई क्लॉस कॉटन और फाइबर बनाया जा रहा है।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग शहरों में बढ़ते कचरे के उचित निष्पादन के लिए निकायों को लगातार प्रोत्साहित कर रहा है। प्रदेश के अनेक नगरीय निकायों ने इस दिशा में पहल भी की है जिसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। इसी क्रम में भोपाल नगर निगम ने कपड़े के रूप में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्लांट बनाया है।

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पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मॉडल) के अंतर्गत टेक्सटाइल रिकवरी फेसिलिटी (टीआरएफ) सेंटर स्थापित किया है। वस्त्र अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण (रिसायकल) को बढ़ावा देने के लिए यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम है। करीब 2 करोड़ रूपए से तैयार इस अत्याधुनिक प्लांट से निगम को प्रति माह 22 हजार रूपए की रायल्टी प्राप्त होगी।

हाई क्लास कॉटन और फाइबर तैयार किया जा रहा

नगर निगम भोपाल के इस प्रोजेक्ट का पूरा खर्च कंपनी ने उठाया है। यह टीआरएफ यूनिट प्रति घंटा एक टन बेकार कपड़ा अपशिष्ट प्रोसेस करने की क्षमता का है। यूनिट में एकत्रित पुराने कपड़ों को छटाई और 7-स्टेज डीथ्रेडिंग यूनिट की आधुनिक प्रक्रिया से गुजार कर हाई क्लास कॉटन और फाइबर तैयार किया जा रहा है।

अधिकारियों के अनुसार इस प्लांट से सॉफ्ट टायज, किक बैग्स, क्रिकेट पैड्स, रंगीन कॉटन, सफेद कॉटन और पॉलीएस्टर फाइबर जैसे उपयोगी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इससे न केवल राजधानी में कपड़ों के कचरे का पुन: उपयोग संभव हुआ है, बल्कि अनेक लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।

फाइबर सायकल टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड की यह यूनिट प्रदेश के अन्य नगरों के लिए भी एक प्रेरक मॉडल बन गई है। इस इकाई की कुल क्षमता 10 टन प्रति दिन है। खास बात यह है कि नगर निगम ने सिर्फ यहां जमीन उपलब्ध कराई है। सारा निवेश कंपनी की तरफ से किया गया है।

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Published on:
14 Sept 2025 08:07 pm
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