Aadhaar Card: हाई कोर्ट ने कहा है कि आधार कार्ड का उपयोग पहचान के दस्तावेज़ के रूप में होना चाहिए, न कि आयु सत्यापन के लिए।
Aadhaar Card:मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने हाल ही में एक फैसले में स्पष्ट किया कि आधार कार्ड का उपयोग पहचान के दस्तावेज़ के रूप में होना चाहिए, न कि आयु सत्यापन के लिए। इस महत्वपूर्ण आदेश के अंतर्गत, कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे सभी को इस जानकारी से अवगत कराएं।
मामला नरसिंहपुर जिले के सिंहपुर पंचायत की निवासी सुनीता बाई साहू की याचिका से जुड़ा है, जिन्होंने पति मोहनलाल साहू की करंट लगने से हुई मृत्यु के बाद आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किया था।
लेकिन उनका आवेदन पति की आयु 64 वर्ष से अधिक होने के आधार पर खारिज कर दिया गया था। सुनीता बाई ने आधार कार्ड में दर्ज आयु के आधार पर दावा किया कि उनके पति की मृत्यु के समय आयु 64 वर्ष से कम थी। राज्य शासन के अनुसार, जनपद पंचायत ने अन्य दस्तावेजों के आधार पर पाया कि मृतक की आयु 64 वर्ष से अधिक थी।
वर्ष 2023 में जारी एक परिपत्र में भी स्पष्ट किया गया था कि आधार कार्ड पहचान के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, न कि जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और देश के अन्य उच्च न्यायालय भी पूर्व में आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार कर चुके हैं पर इसे जन्मतिथि का प्रमाण-पत्र नहीं माना है।