High Tech Bhopal: बेगमों के शासनकाल के दौरान शहर को सुरक्षित किले के रूप में विकसित किया गया था भोपाल, हर तरफ से ऊंची दीवारों से घिरी थी राजधानी, एक बार फिर हाइटेक हो रही राजधानी भोपाल की सुरक्षा, हर एंट्री कैमरे की जद में
High Tech Bhopal: भोपाल (Bhopal) फिर गेट वाला होगा। बीडीए (BDA) शहर के एंट्री-एग्जिट सड़कों (Entry and Exit road) पर सेंसर गेट की योजना तैयार कर रहा है। हर गेट अपनी एक अलग खासियत बताएगा। गेट शहर की नई पहचान तो होंगे ही, सुरक्षात्मक और मॉनीटरिंग के स्तर पर भी काम करेंगे। सेंसर और कैमरे रहने से हर आवाजाही पर नजर बनाकर रेकॉर्ड रखा जाएगा।
एएनपीआर (ANPR) यानी ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे (Automatic Number Plate Recognition Cameras) वाहन मालिकों की पहचान करेंगे। इसके लिए नगर निगम भी पहले प्लान बना चुका है।
संभागायुक्त स्तर से निगम और बीडीए में समन्वय किया जा रहा है। अगले दो माह में इसकी प्लानिंग बनाकर नए साल में जमीनी काम शुरू किया जाएगा। गेट पर कितना खर्च आएगा, इसे अभी तय किया जा रहा है।
भोपाल को परमार काल के बाद बेगमों के शासनकाल के दौरान शहर (Bhopal) को सुरक्षित किले के रूप में विकसित किया था। भोपाल की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से इसे दीवारों से घेरकर गेटों का निर्माण किया। ये गेट न सिर्फ सुरक्षा के लिए बल्कि शहर के प्रशासन और व्यापार की सुविधा के लिए बनाए थे।
समय के साथ, जैसे-जैसे शहर का विस्तार हुआ और आधुनिकता आई, दीवारों और गेटों का महत्व घटता गया। कई गेट अब अस्तित्व में नहीं हैं, लेकिन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व आज भी भोपाल की धरोहर का हिस्सा है।
भोपाल-इंदौर राजमार्ग
भोपाल-विदिशा/सागर मार्ग
भोपाल-नर्मदापुरम मार्ग
भोपाल-बैरसिया मार्ग
भोपाल-सीहोर मार्ग
भोपाल-नरसिंहगढ़ मार्ग
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