IAS Santosh Varma Controversy: ब्राह्मणों पर विवादित बयान देने वाला आइएएस प्रमोशन के लिए अयोग्य घोषित, सीएम मोहन के निर्देश के बाद IAS Santosh Varma को तगड़ा झटका...
IAS Santosh Varma Controversy: मोहन सरकार ने आइएएस अफसर संतोष वर्मा को पहला झटका दिया है। पदोन्नति से अयोग्य घोषित कर दिया है। निर्णय विभागीय पदोन्नति समिति ने गुरुवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया। उप सचिव वर्मा की पदोन्नति अपर सचिव पद पर होनी थी। वर्मा ने 23 नवंबर को कहा था कि जब तक कोई ब्राह्मण मेरे बेटे के लिए बेटी न दे दें, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। तब से वर्मा का प्रदेश में विरोध जारी है।
संगठनों, भाजपा-कांग्रेस के विधायकों ने सीएम डॉ. मोहन यादव से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। कार्मिक मंत्रालय से भी शिकायत की थी। हाल ही में वर्मा ने यूपी के सांसद चंद्रशेखर के उस बयान को दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कितने संतोष वर्मा को मारोगे, घर-घर से संतोष वर्मा (IAS Santosh Varma Controversy) निकलेगा। गुरुवार को वर्मा का एक और वीडियो वायरल हुआ। वे कह रहे हैं कि न्यायिक संस्थाएं एसटी-एससी के बच्चों को जज नहीं बनने दे रहीं। सूत्रों के मुताबिक इन सभी बातों को समिति ने संज्ञान में लिया। वर्मा से जुड़े पूर्व के घटनाक्रमों की जांच कराई और पदोन्नति देने से अयोग्य करार दे दिया।
मामले में सीएम डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लेकर सामान्य प्रशासन विभाग को निर्देश दिए थे। विभाग ने निर्णय लिया कि राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए वर्मा ने पदोन्नति फर्जी और जाली आदेश तैयार कर ली। विभिन्न न्यायालय में आपराधिक प्रकरण लंबित हैं। पदोन्नति गलत है। ऐसे में आइएएस सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्र शासन को भेजा जा रहा है। वर्मा के खिलाफ विभागीय जांच अंतिम स्तर पर है। वर्तमान प्रकरण में संतोष वर्मा ने कारण बताओ नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वे लगातार मर्यादाविहीन बयान दे रहे हैं। उन्हें चार्जशीट जारी करने का भी निर्णय लिया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वर्मा को सरकार जल्द ही आरोपों के संबंध में चार्जशीट दे सकती है। इससे पहले शेष कार्यवाही पूरी की जाएंगी। बताया जा रहा है कि वर्मा ने ठीक से पक्ष नहीं रखा तो बर्खास्त किया जा सकता है। उधर, मध्यप्रदेश विभागीय पदोन्नति समिति के सामने 70 से ज्यादा आइएएस (IAS Santosh Varma Controversy) को पदोन्नति करने संबंधी फाइल पेश की गई। इनमें आइएएस अनुराग चौधरी व एक अन्य का नाम भी था, जिनकी फाइलें होल्ड कर दी गईं।