MP Congress- एमपी में किसानों के मुद्दों पर कांग्रेस मुखर हो उठी है।कांग्रेस भावांतर योजना का विरोध कर रही है और किसानों को सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग कर रही है।
MP Congress- एमपी में किसानों के मुद्दों पर कांग्रेस मुखर हो उठी है। कांग्रेस भावांतर योजना का विरोध कर रही है और किसानों को सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग कर रही है। इस मांग के समर्थन में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के बंगले पर जा पहुंचे। कांग्रेस और किसानों का बिना किसी सूचना के किए जा रहे प्रदर्शन को देखकर पुलिस हड़बड़ा गई। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी अपने कंधों पर गेहूं का बोरा लेकर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों को रोका गया। इसी बीच बोरा फट गया और गेहूं रोड पर बिखर गए। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और किसानों ने सड़क पर फैले गेहूं के आसपास बैठकर प्रदर्शन शुरु कर दिया। हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद बाहर आए और जीतू पटवारी सहित कुछ नेताओं, किसानों को बंगले के अंदर ले गए। उनसे बातचीत जारी है।
कई किसान अपनी समस्याओं के संबंध में कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे। जीतू पटवारी ने उनकी बात सुनी तो कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ताओं व किसानों के साथ वे अचानक कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले की ओर चल पडे। जीतू पटवारी ने अपने कंधे पर गेहूं का बोरा लाद लिया था। प्रदर्शनकारियों को रोका गया तो उन्होंने सड़क पर विरोध जताना शुरू कर दिया।
किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने कुछ कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से मुलाकात की। उन्हें भावांतर योजना, फसलों के उचित दाम नहीं मिलने सहित अन्य समस्याओं से अवगत कराया। किसानों की बात सुनकर जीतू पटवारी उनके समाधान के लिए पैदल ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले की ओर चल पड़े।
कांग्रेस नेताओं और किसानों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की। इस दौरान बोरा फट गया जिससे गेहूं सड़क पर बिखर गया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जीतू पटवारी सहित कई किसानों को बंगले के अंदर ले जाकर बातचीत की।
जीतू पटवारी का कहना है कि राज्य सरकार भावांतर योजना के नाम पर किसानों को भ्रमित कर रही है। इससे पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में भी इस योजना के नाम पर किसानों को ठगा गया था