MP News: मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम ने जीइ टैगिंग प्रक्रिया के लिए ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन वाराणसी के साथ एमओयू किया है।
MP News: मध्यप्रदेश में जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग प्राप्त उत्पादों की संख्या बढ़ रही है। जल्द ही कटनी स्टोन, ग्वालियर सैंड स्टोन टाइल्स और छतरपुर के वुडन फर्नीचर को भी जीआइ टैग मिलने की संभावना है। एमएसएमई विभाग ने एक जिला, एक उत्पाद की सूची में शामिल इन उत्पादों को जीआइ टैग के प्रस्ताव केंद्र को भेजा है। इससे इन उत्पादों को अपने भौगोलिक क्षेत्र के साथ एक नई पहचान मिलेगी। इसका लाभ इस उद्योग से जुड़े लोगों को भी मिलेगा। अभी तक 21 उत्पादों को जीआइ टैग मिल चुका है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत राज्य नोडल एजेंसी, मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम ने जीइ टैगिंग प्रक्रिया के लिए ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन वाराणसी के साथ एमओयू किया है। 20 जीआइ टैग फाइलिंग पर चर्चा हुई थी। हाल ही में विभाग ने कटनी स्टोन, ग्वालियर सैंड स्टोन और छतरपुर के वुडन फर्नीचर के लिए जीआइ टैगिंग की प्रक्रिया पूरी कर दी है। अन्य ओडीओपी उत्पादों की जीआई टैगिंग के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
जीआइ टैग मिलने से इन उत्पादों को कानूनी संरक्षण, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुंच और ब्रांडिंग के जरिये व्यापक पहचान मिलेगी। आयुक्त एमएसएमई दिलीप कुमार के अनुसार जीआइ टैग दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी फाइलिंग की प्रक्रिया में काफी समय लगता है। क्योंकि इसकी पहचान करना, जीआई पंजीकरण प्रक्रिया के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दस्तावेजों का संकलन किया जाता है। इसके साक्ष्यों के साथ प्रस्ताव भेजा जाता है।
-ग्वालियर सैंड स्टोन एक सुंदर प्राकृतिक पत्थर है। यह क्रीम कलर का होता है, लेकिन मिंट कलर टेक्सचर इसे खास बनाता है। सभी मौसम के प्रतिरजिस्टेंट हैं। यह मुयत:सिलिका से बना होता है।
-कटनी स्टोन लाइम स्टोन से बना होता है जो अनूठे पैटर्न के लिए जाना जाता है। उपयोग इंडस्ट्रीज के साथ घरों में भी किया जाता है। इसका अभी 200 करोड़ से अधिक का निर्यात हो रहा है।
-छतरपुर वुडन फर्नीचर स्थानीय स्तर पर मिलने वाले पेड़ों के काष्ठ से तैयार किया जाता है। इनमें विशिष्ट डिजाइन का उपयोग भी किया जाता है। मांग देश में है।