भोपाल

सरकार का बड़ा फैसला, सैटेलाइट से होगी नर्मदा नदी की निगरानी, सीवेज नदी में मिला तो नपेेंगे अफसर

सुशासन संस्थान में हुई मंत्रिमंडल की समीक्षा बैठक में सीएम मोहन यादव ने लिए बड़े फैसले, अब सख्ती से होगा काम...

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Sep 14, 2024

Mp Govt Big Decision: खोखली हो रही प्रदेश की जीवनरेखा नर्मदा (Narmada River) को बचाने के लिए मोहन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। नदी की ड्रोन व सैटेलाइट इमेजरी से निगरानी होगी। इससे नदी और कैचमेंट क्षेत्र में होने वाले अवैध उत्खनन और गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी।

नदी के पूरे क्षेत्र को धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। दोनों किनारों से पांच किलोमीटर की दूरी तक प्राकृतिक खेती करना अनिवार्य होगी। उद्गम स्थल अमरकंटक से कुछ दूर सैटेलाइट सिटी विकसित होगी। बहाव क्षेत्र में आने वाले किसी भी शहर का सीवेज नदी में नहीं मिलेगा।

ऐसा होने पर संबंधित निकाय और जिले के अफसरों पर कार्रवाई होगी। ये फैसले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Dr. Mohan Yadav) की अध्यक्षता में शुक्रवार को सुशासन संस्थान में हुई मंत्रिमंडल की समीक्षा बैठक में लिए गए। डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, मंत्री प्रहलाद पटेल, उदयप्रताप सिंह, संपत्तिया उइके ने भी नदी संरक्षण के लिए सुझाव दिए।

सीएम बोले-नवंबर में फिर समीक्षा

एमपी सीएम ने सीएस वीरा राणा को निर्देश दिया कि नर्मदा तट पर बसे धार्मिक नगरों व स्थलों के पास मांस-मदिरा की बिक्री बंद हो। अवैध खनन रोकें। सख्त कार्रवाई करें। अगली बैठक नवंबर के दूसरे सप्ताह में होगी।

सख्ती से पालन हो, तब फायदा

नर्मदा संरक्षण से जुड़े कई विशेषज्ञ पहले से मानते रहे हैं कि नदी का बड़ा हिस्सा खनन से प्रभावित है। कैचमेंट क्षेत्र को नुकसान हुआ है। कटाव व अतिक्रमण से कई स्थानों पर नदी के स्वरूप बदल गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है सरकार ने कड़े निर्णय तो लिए,पर प्रभावी अमल होने पर ही फायदा होगा।

इन कदमों से बचेगी नर्मदा

नदी को प्रवाहमान और प्रदूषणमुक्त रखने के लिए जनसहयोग से विभिन्न गतिविधियां अनिवार्य की जाएंगी। शेष घाट विकसित होंगे।
नदी के स्वरूप से छेड़छाड़ करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
सहायक नदियों को पुनर्जीवित करने के प्रयास तेज होंगे।
संरक्षण के लिए आम जन से सुझाव लेंगे, शिकायत निराकरण का प्रभावी मंच बनेगा।
नर्मदा परिक्रमा पथ पर होम स्टे, भोजन व्यवस्था, इन्फॉरमेंशन सेंटर बनेगा, स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ेंगे।
परिक्रमा पथ से जुड़ी पंचायतों में तेजी से इन्फ्रास्ट्रचर विकसित किए जाएंगे।
नदी क्षेत्र की समृद्ध बॉयोडायवर्सिटी के संरक्षण व प्रोत्साहन की योजना बनेगी।
नर्मदा किनारे 430 प्राचीन शिव मंदिरों और दो शक्तिपीठों का संरक्षण।

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Updated on:
14 Sept 2024 09:46 am
Published on:
14 Sept 2024 08:52 am
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