Monsoon- देश के जैसे ही एमपी में भी मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। प्रदेश में कई जगहों पर जहां प्री मानसून सक्रिय है, खूब पानी गिर रहा है वहीं कई जिलों के लोग गर्मी से परेशान हो रहे हैं।
Monsoon- देश के जैसे ही एमपी में भी मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। प्रदेश में कई जगहों पर जहां प्री मानसून सक्रिय है, खूब पानी गिर रहा है वहीं कई जिलों के लोग गर्मी से परेशान हो रहे हैं। इधर मानसून की भी प्रतीक्षा की जाने लगी है। हालांकि मौसम विभाग के ताजा अपडेट में बताया गया कि मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है। इसके कारण प्रदेश में मानसून में करीब 8 से 10 दिन का ब्रेक आ गया है। इस बीच प्रदेश के किन जिलों, संभागों में कितना पानी बरस सकता है, इस संबंध में मौसम विभाग का पूर्वानुमान सामने आया है।
देश में 24 मई को प्रवेश के बाद मानसून 17 राज्यों में दस्तक दे चुका है। मौसम विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में इस बार मानसून सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद है। प्रदेश में औसत करीब 40 इंच बरसात होने का अनुमान है।
मौसम विभाग ने प्रदेश के पूर्वी इलाके जबलपुर और शहडोल संभागों में सबसे ज्यादा बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है। इसके अलावा सागर संभाग में अधिक पानी गिर सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि मध्यप्रदेश के उत्तरी इलाकों के ग्वालियर चंबल संभाग, पश्चिमी हिस्से के इंदौर, उज्जैन संभागों, मध्य के नर्मदापुरम और भोपाल संभागों तथा पूर्व के रीवा संभाग में भी मानसूनी बारिश का कोटा इस बार फुल हो जाएगा।
मौसम विभाग ने राज्य के अधिकांश जिलों में औसम से ज्यादा बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। भोपाल, चंबल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, रीवा और सागर संभागों में 150 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है। उत्तरी इलाकों के जिलों में भी सामान्य बारिश की संभावना है। प्रदेश के जबलपुर और शहडोल संभागों में सर्वाधिक बरसात की संभावना जताई गई है।
इससे पहले मानसून को लेकर मौसम विभाग ने अप्रैल में भी पूर्वानुमान जताते हुए कहा था कि मानसून इस बार सामान्य से बेहतर रहेगा। एमपी में जून से सितंबर तक भरपूर बरसात होगी। मौसम विभाग के अगले अपडेट में मानसून के संबंध में तस्वीर पूरी तरह साफ होगी।