नगर निगम में वार्ड कर्मचारियों का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने और टैक्स कलेक्शन में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद नगर निगम कमिश्नर ने लिया बड़ा एक्शन, शुरू की बदलाव की तैयारी...
MP government Employees: नगर निगम में वार्ड कर्मचारियों का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने और टैक्स कलेक्शन में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद कमिश्नर ने अब नगर निगम में अंगद की तरह जमे अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जोनल अधिकारियों को बदलने के बाद अब इंजीनियर और बाबुओं की लिस्ट तैयार की गई है जिन्हें एक ही विभाग में नौकरी करते कई वर्ष बीत चुके हैं। सूची में कई अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने वर्ष 2003 में नगर निगम में नौकरी मिलने के बाद एक ही विभाग में पूरी सर्विस निकाल दी।
नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने नगर परिषद की बैठक में आरोप लगाया था कि नगर निगम में पिछले कई सालों से एक ही विभाग में इंजीनियर अधिकारी और कर्मचारी जमे हुए हैं। भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है और जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
इंजीनियर लालजी चौहान ने वर्ष 2010 से अब तक बिल्डिंग परमिशन सेल में ही पूरी नौकरी की। एई महेश सिरोहिया ने 22 साल, राजाराम अहिरवार ने वर्ष 2003 से अब तक, नंदकिशोर डेहरिया ने भी 2003 से अब तक एवं डीके सिंह राजधानी परियोजना प्रशासन से प्रतिनियुक्ति पर आकर वर्ष 2018 से अब तक एक ही विभाग में जमे हैं। इसी प्रकार सब इंजीनियर गोपी लाल चौधरी 22 साल से, अंकित शाक्य, अमित दुबे, श्रीपदा दीक्षित ने 2018 में नौकरी ज्वाइन करने के बाद भवन अनुज्ञा से संबंधित काम संभाले हुए हैं। एक ही विभाग में जमे बाबुओं में सुनील जैन 30 साल, राकेश लहरिया 30 साल, मोहमद साबिर 20 साल, तपेंद्र सिंह 10 साल, रामचरण मालवीय 15 साल, सरिता बर्वे 22 साल, साधु प्रसाद खंडित 22 साल, सिद्दीकी हसन को 25 वर्ष का समय एक ही विभाग में हो चुका है।
जोनल अफसरों के प्रभारों में परिवर्तन किया गया है। एक ही विभाग में बरसों से जमे अन्य स्टाफ भी बदला जाएगा।
-हरेंद्र नारायण, निगमायुक्त