MPPWD- पीडब्लूडी के इंजीनियरों को भारी पड़ सकता है औचक निरीक्षण सिस्टम का विरोध
MPPWD- मध्यप्रदेश में राज्य सरकार का जहां आधारभूत संरचनाओं के विकास पर फोकस है वहीं निर्माण कार्यों की क्वालिटी से भी जरा समझौता नहीं किया जा रहा है। इसके लिए राज्य के लोक निर्माण विभाग यानि पीडब्लूडी ने अनेक कदम उठाए हैं। विभाग में एक सॉफ्टवेयर की सहायता से औचक निरीक्षण का सिस्टम लागू किया गया है। फील्ड में निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्यों की गुणवत्ता खराब निकलने पर न केवल संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई की जा रही है बल्कि जिम्मेदार इंजीनियर पर भी गाज गिर रही है। विभागीय इंजीनियरों ने इस व्यवस्था का विरोध किया तो सरकार भी सख्त हो गई है। अब लोक निर्माण विभाग के करीब 1 हजार इंजीनियरों की कुंडली तैयार की जा रही है। गड़बड़ी के घेरे में आए इंजीनियरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
लोक निर्माण विभाग प्रदेश में मुख्य रूप से सड़क और सरकारी भवनों का निर्माण करता है। निर्माण कार्य में क्वालिटी बरकरार रहे, इसके लिए विभाग में औचक निरीक्षण का सिस्टम शुरू किया गया। इसमें एक सॉफ्टवेयर की सहायता से एक दिन पहले ही निर्धारित जगह चुनी जाती है। चीफ इंजीनियर वहां जाकर निरीक्षण करते हैं और उचित गुणवत्ता नहीं मिलने की स्थिति में ठेकेदार व इंजीनियर पर एक्शन लिया जाता है।
सोमवार को भी प्रदेश के बुरहानपुर, छतरपुर, मुरैना, रायसेन, सिवनी और शहडोल जिलों में निरीक्षण तय था। सॉफ्टवेयर से ही इन 7 जिलों को चुना गया था लेकिन इंजीनियरों ने इसका विरोध कर दिया। लोक निर्माण विभाग के अलावा एमपीआरडीसी, बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन, लोक निर्माण भवन, एनएचएआई के इंजीनियरों ने भी सिस्टम का विरोध किया। चीफ इंजीनियर तो मौके पर पहुंचे लेकिन विभागीय इंजीनियर इसमें शामिल नहीं हुए।
औचक निरीक्षण सिस्टम का लोक निर्माण विभाग के करीब 1 हजार इंजीनियर विरोध कर रहे हैं। इस पर सरकार भी सख्त हो गई। बताया जा रहा है कि मामला सीएम तक पहुंचा जिसके बाद विभाग ने बड़ा कदम उठाया। पीडब्लूडी के तीनों इंजीनियर इन चीफ को सभी इंजीनियरों की कुंडली तैयार करने को कहा गया है। किस इंजीनियर ने कितना और क्या काम किया, कौन कितना और क्यों गैरहाजिर रहा, इन सबका फोटो और नाम सहित ब्यौरा जुटाया जा रहा है। इसके आधार पर इंजीनियरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।