भोपाल

सावधान: एमपी के सरकारी अस्पतालों में सप्लाई हुई 21 दवाएं अमानक

MP News: मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में खरीदी गई दवाओं में से 21 दवाएं अमानक पाई गई है। पेट में पाए जाने वाले कृमियों को नष्ट करने वाली एलबेंडाजोल और गर्भवती महिलाओं की मॉर्निंग सिकनेस या मतली आदि को नियंत्रित करने के लिए उपयोग में आने वाली डॉक्सीलेमिन सक्सीनेट दवाएं शामिल है।

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Nov 12, 2025
21 substandard medicines supplied in government hospitals सरकारी अस्पतालों में 21 अमानक दवाएं सप्लाई

MP News:मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों(Government Hospital) में खरीदी गई दवाओं में से अब पेट में पाए जाने वाले कृमियों को नष्ट करने वाली एलबेंडाजोल और गर्भवती महिलाओं की मॉर्निंग सिकनेस या मतली आदि को नियंत्रित करने के लिए उपयोग में आने वाली डॉक्सीलेमिन सक्सीनेट दवाएं भी अमानक पाई गई है। इन दवाओं का अस्पतालों में व्यापक उपयोग किया जाता है। यही नहीं एलबेंडाजोल दवा का वितरण तो कृमि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्कूलों के बच्चों को भी किया जाता है।

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हेल्थ कॉर्पोरेशन ने की ब्लैकलिस्टेड फिर भी हुई सप्लाई

सीएमएचओ राजगढ़ ने एलबेंडाजोल टैबलेट के असर नहीं करने पर उसकी जांच कराई थी। इसके बाद उन्होंने कॉर्पोरेशन को बताया कि बायोकेम हेल्थकेयर प्रालि उज्जैन द्वारा सप्लाई की गई दवा एनएबीएल लैब में कराई गई जांच में अमानक पाई गई है। इसके बाद कॉर्पोरेशन ने दोबारा जांच कराई और अमानक मिलने पर इस दवा को दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया है। कंपनी के साथ भी अनुबंध निरस्त कर दिया गया है।

वहीं कटनी सीएमएचओ ने डॉक्सीलेमिन सक्सीनेट और पिरीडॉक्सिन टेबलेट असरदार नहीं होने के संदेह पर जांच कराया। जांच में यह दवा भी अमानक निकली। यह दवा जेपी ड्रग्स हरिद्वार उत्तराखंड द्वारा सप्लाई की गई थी। यह दवा हर गर्भवती महिला को मॉर्निंग सिकनेस या मतली और अन्य समस्याओं के नियंत्रण के लिए दी जाती है। इसी प्रकार जेंटामाइसिन इंजेक्शन भी अमानक पाया गया है। यह सभी दवाएं दो साल के लिए ब्लैकलिस्टेड की गई हैं।

21 अमानक दवाएं सप्लाई

सरकारी अस्पतालों(Government Hospital) में सप्लाई की जाने वाली दवाओं की जांच की तीन स्तरीय व्यवस्था है। इसके बावजूद इस वर्ष अभी तक 21 दवाएं अमानक पाई गई हैं। इनमें एंटीबायोटिक और ओआरएस घोल से लेकर विटामिन, पैरासिटामोल, हृदय रोग आदि की दवाएं शामिल हैं। मप्र पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन के एमडी मयंक अग्रवाल का कहना है कि दवाओं की खरीदी के लिए अब सीओपीपी (सर्टिफिकेट ऑफ फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स) सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें दवा निर्माण का हर स्टेप पर डब्ल्यूएचओ जीएमपी स्टेंडर्ड का होता है। यह सर्टिफिकेट वे ही कंपनियां लेती हैं जो दवाओं का निर्यात करती हैं। इससे एक्सपोर्ट क्वालिटी की दवाएं ही शासकीय अस्पतालों को मिलेंगी और कोई शिकायतें भी नहीं होंगी।

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Updated on:
12 Nov 2025 10:54 am
Published on:
12 Nov 2025 10:53 am
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