MP News: बिजली चोरी के मामलों पर सख्ती, एमपी के 16 जिलों में 25 हजार बिजली चोर MP News: उपभोक्ताओं की पहचान, केंद्रीय डिस्कॉम के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों में घरेलू उपभोक्ताओं में से 25,363 परिसरों को अनियमितताओं के लिए चिह्नित, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये काम
MP News: बिजली चोरी (Electricity Theft) के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए केंद्रीय डिस्कॉम (Central Discoms) ने सत्यापन के लिए एमपी के 16 जिलों में लगभग 25,000 उपभोक्ताओं की पहचान कर ली है। इनमें से 9,000 के घरों में एक नहीं बल्कि कई मीटर लगे हैं। वहीं हजारों उपभोक्ता ऐसे घरों में रहते हैं जो बड़े भूखंडों पर बने हैं। लेकिन यहां फिर भी असामान्य रूप से बिजली की खपत कम होती है।
केंद्रीय डिस्कॉम (Central Discoms) से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय डिस्कॉम के अंतर्गत आने वाले एमपी के 16 जिलों में 34.77 लाख सिंगल-फेज उपभोक्ता हैं और 2.11 लाख थ्री-फेज घरेलू उपभोक्ता हैं।
मध्य प्रदेश के इन घरेलू उपभोक्ताओं में से 25,363 परिसरों को बिजली अनियमितताओं (Electricity irregularities) के लिए चिह्नित (marked)किया गया है। इन अनियमितताओं में उनकी मासिक बिजली खपत स्वीकृत लोड से मेल ही नहीं खा रही। वहीं एक ही परिसर में घरेलू उपयोग के लिए कई मीटर भी मिले हैं।
जानकारी के मुताबिक 5,000 रुपए प्रति वर्ग फीट से ज्यादा राजस्व दर वाले भूखंडों पर इमारतों में अपने लोड के अनुपात में बिजली की खपत नहीं की जा रही हैं। इन बिल्डिंगों का अब निरीक्षण किया जा रहा है।
घरेलू उपयोग के लिए एक ही मीटर सिस्टमैटिक किया जा रहा है। चिह्नित किए गए 25,363 परिसरों में से 9,742 में एक ही परिसर में एक से ज्यादा बिजली मीटर लगे हैं। वहीं 15,621 ऐसे भूखंडों पर हैं जिनकी राजस्व दर पांच हजार रुपए प्रति वर्ग फुट से ज्यादा है।
सरकार उन उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करती है जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है। अधिकारियों के अनुसार, कुछ परिवार अपनी व्यक्तिगत खपत को 150 यूनिट से कम रखने के लिए कई मीटर लगाकर इसका फायदा उठाने में लगे हैं।
डिस्कॉम ने संबंधित क्षेत्रों की टीमों के सतर्कता मोबाइल ऐप पर पहचाने गए आवासीय कनेक्शनों का विवरण भी भेजा है। एक से अधिक मीटर वाले सभी पहचाने गए घरेलू परिसरों का निरीक्षण किया जा रहा है।
उन्हें एक ही मीटर में सुनियोजित किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि घरेलू परिसर में बिजली की खपत केवल एक मीटर से ही रिकॉर्ड की जा रही है।
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