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दूषित पानी पीने से हुई 8 मौतों के बाद जागा प्रशासन, सर्वे टीम को 2700 घरों में मिले 1200 से ज्यादा बीमार

Indore Contaminated Water Case : दूषित पानी पीने से हुई 8 मौतों के बाद प्रशासन सक्रीय हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भागीरथपुरा के 2700 घरों का सर्वे किया, जिसमें 1200 से ज्यादा लोग बीमार मिले हैं। यहां हालत इस कदर भयावह है कि, लोग पानी पीने से भी डर रहे हैं।

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Indore Contaminated Water Case

भागीरथपुरा के 2700 घरों में मिले 1200 बीमार (Photo Source- Patrika)

Indore Contaminated Water Case : देश के सबसे स्वच्छ शहर के नाम से पहचान रखने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के अंतर्गत आने वाले भागीरथपुरा में दूषित पानी से अबतक 8 लोगों की मौत की जानकारी सामने आ चुकी है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने अबतक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। लेकिन, इतना बड़ा कांड होने के बाद विभाग एक्शन में आया है। भागीरथपुरा के 2700 घरों में सर्वे किया गया है, जिसमें बीमारों की जो संख्या सामने आई वो बेहद चौंकाने वाली है। संबंधित घरों में 1200 से ज्यादा लोग बीमार मिले हैं। यानी यहां हर घर में बीमार हैं। लोगों में डर का ऐसा माहौल है, वो पानी पीने तक से डर रहे हैं।

मंगलवार को भागीरथपुरा में नगर निगम द्वारा पीने के पानी की सप्लाई टैंकरों से की गई। फिर भी स्थानीय लोगों में निगम पर भरौसा नहीं रहा है। रहवासियों ने टैंकर से आए पानी का उपयोग पीने के लिए नहीं किया। यहां अधिकतर लोग आरओ का पानी बुलवाकर पीने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

बीमारी और मौतों से पसरा सन्नाटा

रहवासियों का कहना है कि, हमने सोचा भी नहीं था कि पानी के कारण हमारे इलाके में मौत का तांडव देखने को मिलेगा। जानकारी देने के बावजूद भी जिम्मेदारों ने इसपर ध्यान नहीं दिया। भागीरथपुरा की गलियों में फैली इस महामारी के कारण बीमारी और मौतों से पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है।

14 गलियों में पहुंची डॉक्टरों की टीम

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, भागीरथपुरा इलाके की 14 गलियों के हर घर में चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा जांच कराई गई, जिन्हें जरूरी लगा उपचार भी किया गया। गंभीर मरीजों को एम्बुलेंस की मदद से अस्पतालों में रैफर भी किया गया। आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर क्लोरिन, जिंक की दवाई और ओआरएस के पैकेट भी बांटे जा रहे है। आशा मेगा माइकिंग द्वारा लक्षण होने पर तुरंत उपचार के लिए स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचने, उबला पानी पीने एवं बाहर का भोजन व बाहर के कटे फल न खाने की समझाइश भी दे रही है।

111 मरीज अस्पताल में भर्ती 35 गंभीर

शहर के शासकीय के साथ-साथ निजी अस्पतालों में अबतक 111 मरीजों के भर्ती होने की जानकारी सामने आई है। चौकाने वाली बात ये है कि, इनमें करीब 35 मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। भागीरथपुरा में अभी 4 एंबुलेंस प्रभावित क्षेत्र में तैनात रखी गई हैं। साथ ही, स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत 14 डॉक्टर और पेरामेडिकल स्टाफ भी हर गली में मौजूद हैं। इसमें एमवाय अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉक्टर भी मदद कर रहे हैं।

1146 मरीजों को प्राथमिक उपचार

जांच टीम के अधिकारियों की माने तो इलाके के कुल 2703 घरों का सर्वे किया गया, जिसमें रहने वाले करीब 12000 लोगों की जांच की गई। इनमें से 1146 मरीजों को वहीं पर प्राथमिक उपचार दिया गया। 18 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं।

अस्पताल में बेड पर बाल्टी, उल्टी से परेशान मरीज

अस्पतालों में भर्ती मरीजों के हालत को लेकर अपडेट ये है कि, उन्हें बेड पर ही एक बाल्टी रखना पड़ रही है। मरीजों को इतनी उल्टी हो रही है कि, बार बार उठ पाना ही संभव नहीं है। वर्मा अस्पताल में कुल 22 बेड की क्षमता है, लेकिन यहां करीब 35 मरीजों का उपचार चलने की जानकारी सामने आ रही है। हालांकि, यहां से कई मरीज स्वस्थ होकर घर भी लौट चुके हैं।