Cold soda increases risk of amnesia: भोपाल समेत देशभर में ठंडा सोडा और एनर्जी ड्रिंक्स का चलन बढ़ा है, लेकिन एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि इससे डायबिटीज और भूलने की बीमारी का खतरा बढ़ता है। (MP News)
MP News: राजधानी भोपाल में सोडा-पानी, फलों के रस, मलाई रहित दूध और एनर्जी ड्रिंक जैसे मीठे पेय पदार्थ पीने वाले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन ये पेय पदार्थ टाइप-2 मधुमेह (टीडी) और याद्दास्त जाने वाली बीमारियों का जोखिम बढ़ा रहे है। 'एडवांस इन न्यूट्रिशन' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। बताया गया है कि टाइप 2 मधुमेह और अल्जाइमर के बीच इन पेय पदार्थों का मजबूत संबंध है। मधुमेह में इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। इंसुलिन प्रतिरोध मस्तिष्क के लिए आवश्यक ग्लूकोज को तोड़ना मुश्किल बना देता है। इससे अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ता है। (Cold soda increases risk of amnesia)
गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. बीआर रघुप्रीत के अनुसार प्रतिदिन शीतल पेय, ऊर्जा पेय और स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे मीठे पेय पदार्थों की प्रति अतिरिक्त 350 मिलीलीटर की खुराक से टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का जोखिम 25 प्रतिशत बढ़ जाता है। यह वृद्धि पहली नियमित खुराक से ही शुरु हो जाती है। फलों के रस की प्रति अतिरिक्त 250 मिलीलीटर खुराक (यानी, 100 प्रतिशत फलों का रस, फूलों का मधु और जूस पेय) से टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का पांच प्रतिशत जोखिम बढ़ जाता है।
उच्च रक्त शर्करा का स्तर और प्रीडायबिटिक रेंज अल्जाइमर रोग के जोखिम से जुड़ा हो सकता है। कई अध्ययनों में उच्च रक्त शर्करा का स्तर और अल्जाइमर का संबंध होने के तथ्य सामने आए हैं। टाइप 2 मधुमेह का जल्दी निदान और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने से अल्जाइमर रोग को कम करने में मदद कर सकता है। डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी जिला अस्पताल