MP News: मध्यप्रदेश में भी पेट्रोलियम और नेचुरल गैसों की खोज जल्द शुुरू की जाएगी। केंद्र सरकार की मदद से ये काम पूरा किया जाएगा।
MP News: मध्यप्रदेश में जल्द ही अरब देशों की तरह पेट्रोलियम और नेचुरल गैसों का भंडार लगने वाला है। राजधानी भोपाल में इन दिनों माइनिंग कॉन्क्लेव आयोजित की गई है। यहां पर देश भर से आई कई कंपनियों ने हिस्सा लिया और प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों की संभावनाओं पर चर्चा की।
रिलायंस इंडस्ट्रीज शहडोल के सोहागपुर में कोल बेड मीथेन गैस में 4 हजार करोड़ रूपए का निवेश करने जा रही है। रिलायंस के पास यहां पर एक ब्लॉक है। जहां गैस के लगभग 300 कुएं हैं। रिलायंस गैस पाइपलाइन लिमिटेड सोहागपुर से उत्तरप्रदेश के फूलपुर तक 302 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का संचालन करती है।
शहडोल और उमरिया में ओएनजीसी को पेट्रोलियम की खोज के लिए लाइसेंस दिया जा चुका है। यहां पर अगले साल 20 सालों में लगभग 3500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है। छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम और बैतूल में इनवेनियर पेट्रोडाइन लिमिटेड को साल 2023 में पेट्रोलियम की खोज के लिए लाइसेंस दिया गया है। अगले 20 सालों में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
विंध्य, सतपुड़ा, रीवा, नर्मदा घाटी और रीवा को पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के भंडार के लिए संभावित क्षेत्र माना जाता है। साल 2017 में हाइड्रोकार्बन रिसोर्स असिस्मेंट स्टडी की रिपोर्ट में सामने आया था कि एमपी में 5 लाख 55 हजार 254 टन हाइड्रोकार्बन का भंडार हो सकता है।
मध्यप्रदेश की 8 जगहों पर पेट्रोलियम और नेचुरल गैस की खोज के लिए जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए विंध्य में 6, सतपुड़ा और रीवा में 1 और नर्मदा में 1 ब्लॉक में पेट्रोलियम की खोज के लिए लाइसेंसिंग की प्रोसेस पूरी कर ली गई। इसके लिए 8 ब्लॉक में फैले 17 हजार 628 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को संबंधित कंपनियों को सौंपा जाएगा।