MP News: पश्चिमी बायपास(western bypass) की डिजाइन बदलने के बाद भी विरोध धीमा नहीं हुआ। गांवों के रहवासियों ने कलेक्टर को लिखित शिकायत कर बताया कि पश्चिमी बाइपास बनने से चार गांव डूब जाएंगे। इनका विस्थापन करना होगा। जानें क्या है शिकायत की वजह...
MP News: पश्चिमी बायपास(Western Bypass) की डिजाइन बदलने के बाद भी विरोध धीमा नहीं हुआ। मामले की लिखित शिकायत दिल्ली में पहले ही हो चुकी है। निर्माण एजेंसी को लेकर कोर्ट में प्रकरण भी दर्ज है, अब बायपास की जद में आ रहे गांवों के रहवासियों ने भोपाल कलेक्टर को लिखित शिकायत कर बताया कि पश्चिमी बायपास बनने से चार गांव डूब जाएंगे। इनका विस्थापन करना होगा। लोगों ने सर्वे कर विस्थापन की उचित व्यवस्था शुरू करने की मांग की है।
गौरतलब है कि 3000 करोड़ रुपए का करीब 36 किमी लंबा पश्चिमी बायपास अब 11 मिल से शुरू होकर रतनपुर के रास्ते फंदा इंदौर रोड पर मिलाने की योजना है। पहले ये मंडीदीप के पास से 41 किमी लंबाई में बनाना तय था।
पश्चिमी बायपास को लेकर अभी भू अर्जन की प्रक्रिया की जा रही है। इसे लेकर जो भी शिकायतें, स्थितियां सामने आ रही हैं, उन्हें गंभीरता से लिया जा रहा है। इनका निराकरण किया जाएगा। - कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर
पश्चिमी बायपास निर्माण से कई गांवों ने खुद के डूब में आने की आशंका जताई है। यहां बताया कि प्रस्तावित बायपास में कोलांस नदी व उसके सहायक नालों का पानी पीछे आने की स्थिति बनेगी। टीलाखेड़ी, शाइस्ता खेड़ी, बारबाखेड़ी व सीहोर जिले का कुलाश गांव में ये पानी आने की आशंका है। इसके पीछे तथ्य ये हैं कि जब भदभदा डेम के गेट खोलने की जरूरत पड़ती है उस समय कोलांस नदी का बैंक वाटर इन गांवों में पहुंचता है। कई घर डूब में आते हैं। पश्चिमी बाइपास बनता है तो बैंक वाटर की स्थिति बढ़ेगी।