MP News: अब परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को यह सुविधा दी है कि आप चाहें तो अपनी पुरानी गाड़ी का नंबर जस का तस रख सकते हैं।
MP News: एक ओर तो प्रदेश की सड़कों से 15 साल पुरानी गाड़ियों को हटाने का अभियान चल रहा है। वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग ने इनके नंबरों को लेकर चल रही ऊहापोह को भी समाप्त कर दिया है। अब परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को यह सुविधा दी है कि आप चाहें तो अपनी पुरानी गाड़ी का नंबर जस का तस रख सकते हैं। हालांकि इसके लिए वाहन मालिक को 5000 रुपए शुल्क भुगतान करना होगा।
दरअसल अनेक वाहन मालिक अपना लकी नंबर होने के कारण पुरानी गाड़ी सरेंडर नहीं करते हैं और बार-बार पंजीयन नवीनीकरण कराते हैं। ऐसे में विभाग ने स्पष्ट किया कि यदि वाहन मालिक अपनी पुरानी गाड़ी का नंबर नई गाड़ी में दर्ज करवाना चाहते हैं तो यह संभव हो सकेगा।
अभी तक यह व्यवस्था वीआइपी नंबर्स के लिए उपलब्ध कराई गई थी। बोली लगाकर आप अपनी पसंद का नंबर प्राप्त कर सकते थे। नई व्यवस्था में किसी प्रकार की बोली लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। आपको एक सामान्य आवेदन देना होगा, जिसमें गाड़ी का मौजूदा रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होगा। आवेदन के आधार पर नई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करते वक्त परिवहन विभाग पुरानी गाड़ी का नंबर ही रिकॉर्ड पर दर्ज करेगा।
भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन जैसे बड़े शहरों में 15 साल पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने के लिए परिवहन विभाग महिम शुरू करने जा रहा है। वाहन मालिकों को स्पष्ट किया जा रहा है कि सरकारी स्क्रैप सेंटर पर गाड़ी स्क्रैप करवाने पर उन्हें लोहे की कीमत के अलावा टैक्स में 50 प्रतिशत तक रियायत का सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके अलावा प्राइवेट कंपनियां अपने स्तर पर स्क्रैप होने वाली गाड़ियों के एवज में नई गाड़ी खरीदने पर शोरूम में अतिरिक्त डिस्काउंट दे रही हैं। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने बताया कि सरकारी वाहनों के रजिस्ट्रेशन समाप्त होते ही इन्हें कंडम घोषित करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। रजिस्ट्रेशन अवधि समाप्त होने पर कोई भी सरकारी वाहन सड़क पर नहीं चलेगा।