MP Nursing College: मध्यप्रदेश में हुए नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर हाईकोर्ट के सख्त रवैये के बाद एक्शन में जुटी सरकार, सील किए जा रहे फर्जी कॉलेज...
Nursing College Scam: मध्यप्रदेश में हुआ नर्सिंग कॉलेज घोटाला (Nursing College Scam) इन दिनों पूरे देश में सुर्खियां बना हुआ है। जिस तरह से इस मामले में सीबीआई जांच (CBI Investigation) हुई और जांच के बीच ही CBI अफसर रिश्वत लेते पकड़ाए उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इन्हीं सवालों के बीच मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP HIGH COURT) ने एक बार फिर पहले की जांच में फिट पाए गए कॉलेजों की फिर से जांच के आदेश दिए हैं और न्यायिक मजिस्ट्रेट में होने वाली इस जांच की वीडियोग्राफी भी करने के निर्देश दिए हैं। इधर हाईकोर्ट की सख्त रवैये के बाद सरकार भी एक्शन में है और जांच में अनसुटेबल (Unsuitable) पाए गए कॉलेजों को सील कर रही है। ऐसे में हम आपको नर्सिंग कॉलेज की उस किरदार के बारे में बता रहे हैं जो किसी जादूगर से कम नहीं है।
नर्सिंग कॉलेज घोटाला भले ही अब सुर्खियों में आया है लेकिन आपको बता दें कि पत्रिका ने करीब दो साल पहले ही इसकी परतें खोलने शुरू कर दी थीं। 22 अगस्त 2022 को पत्रिका की पड़ताल में एक ऐसी मैडम के नाम का खुलासा हुआ था जो किसी जादूगर से कम नहीं थी। इस मैडम का नाम लीना था, लीना की लीलाएं ऐसी थीं जिन्हें जानकर हर कोई हैरान था। दरअसल मैडम नीना प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों में प्राचार्य से लेकर प्रोफेसर के तौर पर पदस्थ बताई गई थी। तब लीना का नाम प्रदेश के 12 कॉलेजों में फोटो और रजिस्ट्रेशन बदलकर फैकल्टी के रूप में दर्ज मिला था। उस समय पत्रिका को एक कॉलेज संचालक ने बताया था कि लीना उत्तरप्रदेश की रहने वाली हैं और प्रदेश भर में फैले नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के गिरोह में शामिल हैं।
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मानसिंह का नाम भी आया था सामने
तब पत्रिका की पड़ताल में मानसिंह सक्सेना का नाम भी सामने आया था। लीना की तरह ही मानसिंह भी चार संभागों के 7 नर्सिंग कॉलेजों में एक साथ पदस्थ था। जबलपुर के कोठारी नर्सिंग कॉलेज में उप प्राचार्य मानसिंह सक्सेना, दतिया के लालकृष्ण कॉलेज में ट्यूटर, इंदौर के भंडारी कॉलेज व धार के संजीवनी स्कूल ऑफ नर्सिंग में असिस्टेंट प्रोफेसर, पंचशील इंस्टीट्यूट शहडोल, मैट स्कूल ऑफ नर्सिंग शिवपुरी व छिंदवाड़ा के एनएस इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग में उप प्राचार्य था। उसकी दो तरह की फोटोज अलग अलग कॉलेजों में लगी मिली थी।
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बहरहाल ये तो पत्रिका की पड़ताल थी। अब मामला कोर्ट की निगरानी में सीबीआई के हाथों में हैं। परतें खुलने शुरू हो चुकी हैं ऐसे में देखना है कि हजारों छात्रों का भविष्य बर्बाद करने वाले नर्सिंग कॉलेज के फर्जीवाड़े के इस खेल में कितने मोहरे हैं और कितने प्यादे और वो कौन सा शातिर खिलाड़ी है जिसके इशारे पर मध्यप्रदेश में ये खेल सालों से खेला जा रहा था।
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