MP Police Recruitment Exam: पीएचक्यू के चयन एवं भर्ती शाखा द्वारा सुरक्षा का एक फुल प्रूफ प्लान तैयार कर कर्मचारी चयन मंडल को सौंपा,दोनों के बीच सुरक्षा मापदंड को लेकर एक दौर की हो चुकी है बैठक , 7500 आरक्षक सहित एसआइ और सूबेदार की होगी भर्ती
MP Police Recruitment Exam: रूपेश मिश्रा@पत्रिका. दो साल पहले हुई आरक्षक भर्ती परीक्षा-2023 में सॉल्वर बैठाकर प्रश्नपत्र हल करवाने वाली गैंग के खुलासे ने कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित पूरी परीक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया। हालांकि दस्तावेजों के परीक्षण के दौरान सॉल्वर गैंग का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। प्रदेशभर में 30 से ज्यादा एफआइआर भी हुई। नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं के मन में निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े होने लगे। लिहाजा एमपी पुलिस में फिर से 7500 आरक्षक सहित एसआइ और सूबेदार की भर्ती निकाली है।
अब इस परीक्षा में ठगों का साया नहीं पनपने पाए इसको लेकर पीएचक्यू के चयन एवं भर्ती शाखा द्वारा सुरक्षा का एक फुल प्रूफ प्लान तैयार कर कर्मचारी चयन मंडल को सौंपा गया है। दोनों के बीच सुरक्षा मापदंड को लेकर एक दौर की बैठक भी हो चुकी है। बता दें, परीक्षाएं 30 अक्टूबर से शुरू हो चुकी हैं, जोकि 12 दिसंबर तक चलेंगी।
कर्मचारी चयन मंडल द्वारा अभी तक पुलिस मुख्यालय के चयन एवं भर्ती शाखा से तब तक अभ्यर्थियों के डेटा की शेयरिंग नहीं की जाती थी, जब तक लिखित परीक्षा पूरी तरीके से संपन्न नहीं हो जाती थी। लेकिन अब शुरुआत से ही कितने अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा और कितने परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। ये पूरी जानकारी और सभी के जरूरी डेटा ईएसबी द्वारा पीएचक्यू के चयन एवं भर्ती शाखा से साझा किए जाएंगे।
सिपाही एवं सब-इंस्पेक्टरों की लिखित परीक्षा अभी कर्मचारी चयन मंडल द्वारा करवाई जाती है। फिर शारीरिक दक्षता परीक्षा पुलिस द्वारा ली जाती है। लेकिन करीब 17 साल बाल पुलिस विभाग खुद ही सिपाही एवं सब- इंस्पेक्टरों की भर्ती करवाएगा। जिसको लेकर पुलिस भर्ती बोर्ड बनाने के लिए एक प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। बता दें, इससे पहले साल 2009 तक पुलिस के चयन एवं भर्ती शाखा द्वारा किया जाता था। सवाल खड़े होने के बाद परीक्षा आयोजित करवाने का काम ईएसबी को दिया गया था।
साल 2023 में आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े से सबक सीखते हुए इस बार आयोजित होने वाली आरक्षक भर्ती परीक्षा में प्रमुख रूप से आइरिस जांच को अनिवार्य किया है। आइरिस की जांच मुय रूप से दो तरीकों से की जाती है। पहले बायोमेट्रिक पहचान के लिए और दूसरा स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए। बायोमेट्रिक पहचान के लिए इन्फ्रारेड लाइट से आइरिस की एक तस्वीर ली जाती है। इसेे विशिष्ट आइरिस कोड में बदला जाता है। जिससे व्यक्ति की पहचान की जाती है।
फेस रिकग्नीशन
एग्जाम सेंटर में लाइट फोटोग्राफ।
आवेदन में लेटेस्ट फोटो।
प्रत्येक सेंटर में जैमर।
आरक्षक 7500 पद
शीघ्र लेखन और एएसआइ एम 500 पद
उप निरीक्षक 500 पद
पुलिस की भर्तियों में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए हैं। एमपी ईएसबी को कुछ बिंदुओं पर सुझाव दिए हैं। आवेदन करते वक्त लाइव फोटो के साथ परीक्षा सेंटर में भी आइरिस जांच होगी।
- वीरेंद्र कुमार सिंह, डीआइजी, चयन-भर्ती