MPRDC: हैदरााबाद की मेसर्स ट्रांसटॉय प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किया था निर्माण, निरीक्षण में मिली गड़बड़ियां.... फिर से बनाई जा रही सड़क
MPRDC: सूखी सेवनिया रेलवे ओवर ब्रिज के पास बायपास रोड धंसने की घटना की जांच के लिए गठित टीम मंगलवार को मौके पर पहुंची। एमपीआरडीसी के संभागीय अधिकारी भी टीम के साथ मौजूद थे। जांच दल ने मिट्टी और निर्माण सामग्री के नमूने लिए। करीब दो घंटे तक पूरे हिस्से का निरीक्षण किया गया। नमूनों की जांच में यह देखा जाएगा कि निर्माण सामग्री में कोई कमी या दोष तो नहीं था। शासन ने टीम को सात दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
इसी बीच धंसे हुए हिस्से (Road Collapse Case) को नए सिरे से बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया। एमपीआरडीसी की संभागीय टीम ने माप में पाया कि सड़क का 60 मीटर लंबा और 8.75 मीटर चौड़ा हिस्सा धंसा है, जिसे नए सिरे से बनाया जाएगा। मरम्मत का काम पूरा करने के लिए दस दिन का समय तय किया गया है।
ब्रिज (ROB)का निर्माण मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद ने किया था। अनुबंध 18 नवंबर 2010 को हुआ और कार्य 2012-13 में पूरा हुआ। अनुबंध अवधि 15 वर्ष थी। शर्तों का पालन न करने पर 2020 में निरस्त कर दिया गया। कंपनी को तीन वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था। एमपीआरडीसी की संभागीय प्रभारी सोनल सिन्हा के अनुसार, अब कंक्रीट की वॉल तैयार की जाएगी।
उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा है। आरोप लगाया है कि प्रदेश में बार-बार सड़कें धंसना 50 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार की नाकामी और भ्रष्ट सिस्टम का प्रतीक है।
छह माह पहले ब्रिज का एमपीआरडीसी (MPRDC) के एजीएम संजीव जैन द्वारा निरीक्षण किया गया था, जिसमें किसी गड़बड़ी का पता नहीं चला। 2023 में रोड असेट मैनेजमेंट के तहत भी जांच हुई थी, लेकिन कोई भी यह पकड़ नहीं पाया कि रोड का बड़ा हिस्सा धंस सकता है।
-- आरई वॉल का निर्माण निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार नहीं किया गया था।
-- उपयोग की गई मिट्टी की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं थी।
-- बैंकमेंट में आवश्यक स्टोन पिचिंग का कार्य नहीं किया गया था।