E vidhan project in mp: देश की सभी विधान सभाएं पेपरलेस हो रही हैं। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश समेत देश की सभी विधान सभाओं को ऑनलाइन करने के लिए E-Vidhan Project के तहत अनुबंध कर लिया है, एक साल में मध्य प्रदेश की विधान सभा पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगी
E-Vidhan Project in MP: अब जल्दी ही मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) भी पेपरलेस हो जाएगा। इस दिशा में अब सारी अड़चनें भी दूर होने लगी हैं। सोमवार को नई दिल्ली में संसदीय मंत्रालय भारत सरकार के सचिव उमंग निरुला व अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह, संसदीय कार्य मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. सत्य प्रकाश एवं मध्य प्रदेश शासन की ओर से अधिकृत अपर सचिव संसदीय कार्य विभाग राजेश गुप्ता के मध्य त्रिपक्षी सहमति अनुबंध (MOU) साइन हुआ। यह MOU मध्यप्रदेश विधानसभा में नेशनल ई विधान परियोजना (E- Vidhan Project in Madhya Pradesh Assembly) लागू करने को लेकर है। इससे विधानसभा और सदन की कार्यवाही पेपरलेस होने में मदद मिलेगी। प्रोजेक्ट के तहत 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार, जबकि 40 प्रतिशत राज्य सरकार देगी।
बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर के विधान सभा अध्यक्ष बनने के बाद मध्य प्रदेश में पेपर लेस विधान सभा यानी E-Vidhan Project का काम तेजी से आगे बढ़ा और सोमवार को इस E Vidhan Project को लेकर ओएयू करार हो गया।
इस मौके पर विधानसभा के प्रमुख सचिव ने कहा कि कुशल मार्गदर्शन में पेपरलेस विधान सभा की यह परियोजना तत्परता से कार्यान्वित की जाएगी। वैसे मप्र विधान सभा कार्यवाही के कप्यूटीकरण, प्रश्नों व अन्य सूचनाओं को सदस्यों से लेकर विभागों से ऑनलाइन जवाब प्राप्त करने आदि में अग्रणीय रही है।
परंतु कोरोना व कतिपय कारण से ई-विधान परियोजना प्रक्रियाधीन रही, जिसका अब इस अनुबंध के साथ शीघ्रता से कार्यान्वयन हो सकेगा।
संसदीय मंत्रालय के सचिव नरूला ने विधान सभा के प्रयासों की सराहना की और कहा, नए संसद भवन के समन्वय कक्ष में यह पहला एमओयू विधानसभा से हुआ है। अन्य राज्यों ने मध्य प्रदेश से सीखा है। हमारे मंत्रालय एवं एनआईसी द्वारा इस मिशन मोड प्रोजेक्ट हेतु पूरा सहयोग प्रदान किया जाएगा। अपर सचिव डॉ. सत्य प्रकाश ने कहा कि नए भवन में यह यादगार अनुबंध है। हमारी टीम शीघ्र कार्यवाही आगे बढ़ाएगी। हस्ताक्षर उपरांत एमओयू का परस्पर आदान-प्रदान कर कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर एनआइसी के मुख्य तकनीकी संचालक संजीव कुमार, संसदीय कार्य मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।