भोपाल

शहीद जवान के माता-पिता भी होंगे 50% सम्मान राशि के हकदार, पत्नी को नहीं मिलेगा पूरा पैसा

shaheed jawan subvertions: शहीद जवान को सरकार द्वारा दी जाने वाली सम्मान निधि व आर्थिक सहायता की 100 फीसद राशि उसकी पत्नी को मिलती थी। अब ऐसा नहीं होगा....

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Jun 26, 2024
shaheed jawan subvertions

shaheed jawan subvertions: अब सरकार शहीद के माता-पिता को भी आर्थिक सहायता की 50 फीसद राशि देगी। यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट में लिया गया। बता दें कि जब भी प्रदेश का कोई जवान शहीद होता था तो सरकार द्वारा दी जाने वाली सम्मान निधि व आर्थिक सहायता की 100 फीसद राशि उसकी पत्नी को मिलती थी।

बेटों को खोने वाले कुछ माता-पिता ने सरकार के सामने पीड़ा व्यक्त की थी कि बेटा भी चला गया और राशि मिलने के बाद बहू भी ध्यान नहीं दे रही है। बेटे को खोने के साथ-साथ आर्थिक कष्ट से गुजरना पड़ रहा था। सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लिया और शहीद के हिस्से की 50 फीसद उनके माता-पिता को देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

कैबिनेट के अहम निर्णय

-अब मुख्यमंत्री व मंत्री वेतन भत्ते का टैक्स खुद भरेंगे। अभी तक मुख्यमंत्री व मंत्री टैक्स भरते थे और बाद में सरकारी खजाने से इसका भुगतान होता था।

-दूसरे राज्यों के सैनिक स्कूलों में पढ़ रहे मप्र के मूल निवासी छात्र-छात्राओं को भी मिलेगी छात्रवृत्ति।

-भारतीय खेल प्राधिकरण को हुजूर के ग्राम गौरा में खेल गतिविधियों के लिए एक एकड़ जमीन दी जाएगी। पहले से भी यहां प्राधिकरण को जमीन आवंटित है। सीएसआर फंड के तहत 10 हेक्टेयर में पौधे लगाने की बाध्यता थी, जिसे खत्म कर दिया है। अब कंपनियां 4 हेक्टेयर या उससे कम जमीन पर भी पौधे लगा सकेंगी।

-लोक निर्माण विभाग अब प्रदेश में चल रही रेल लाइनों समेत अन्य परियोजनाओं के लिए सरकार की ओर से नोडल एजेंसी होगा, परियोजनाओं के लिए रेलवे को अलग-अलग विभागों के पास भटकने की जरुरत नहीं पड़ेगी। अब तक यह काम परिवहन विभाग के पास था।

-बंदी सुधारगृह विधेयक-2024 विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक में जेलों के अंदर बंदियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने समेत अन्य प्रावधान होंगे।

-मप्र पालिका (संशोधन) विधेयक 2024 को विधानसभा में पेश किया जाएगा।

-मप्र स्थानीय प्राधिकरण (निर्वाचन अपराध) अधिनियम 1964 (अद्यतन 2014) में संशोधन को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है।

पीपीपी मॉडल में चलेंगी मिट्टी परीक्षण लैब

अब खेती से किसानों की आय हो दोगुनी नहीं होगी बल्कि प्रदेश के पढ़े-लिखे युवाओं के लिए रोजगार का जरिया भी बनेगी। डॉ. मोहन यादव की सरकार ने इस दिशा में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं को पीपीपी मॉडल पर युवा, उद्यमी और सहकारी संस्थाओं को देने का निर्णय लिया है। इसमें कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है।

प्रदेश में 315 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं। इनमें से 50 का संचालन विभागीय स्तर पर हो रहा है। बाकी नई 265 अभी बंद है। अब इन्हें युवा, उद्यमी और सहकारी संस्थाएं चलाएंगी।

ये खेतों की मिट्टी का स्वास्थ्य जाचेंगे। किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड जारी करेंगे। इसके खर्च का भुगतान राज्य सरकार पीपीपी मॉडल पर करेगी। पहले से चल रही मिट्टी परीक्षण लैब का संचालन कृषि विभाग ही करता रहेगा।

Published on:
26 Jun 2024 11:21 am
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