Parvati Kalisindh Chambal Link Project: पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के मैमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस परियोजना से एमपी के 2012 गांवों को बड़ा फायदा होगा।
Parvati Kalisindh Chambal Link Project: पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का केंद्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच मैमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (MOA) पर हस्ताक्षर हुए हैं। यह एग्रीमेंट पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुआ है। इस परियोजना से मालवा और चंबल के 11 जिलों के 2012 गांवों के लगभग 40 लाख लोगों को इसका फायदा होगा।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ रुपए है। जिसमें मध्यप्रदेश 35 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगा। केंद्र सरकार की इस योजना में कुल लागत का 90 प्रतिशत भुगतान केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य करेगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के अंतर्गत एमपी में करीब 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इससे प्रदेश के 40 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा। परियोजना के अंतर्गत 21 बांध और बराज का भी निर्माण किया जाएगा।
- मालवा और चंबल के 11 जिलों के 2012 गांवों को होगा फायदा
- 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में होगी सिंचाई
- 40 लाख लोगों को मिलेगी पेयजल की सुविधा
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से मालवा और चंबल के 11 जिलों के 2012 गांव जुड़ेंगे। जिससे 40 लाख ग्रामीणों को जल की समस्या से निजात मिलेगा। इसमें परियोजना में गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता होगी।
इस परियोजना के अंतर्गत 11 जिलों के 2012 गांव को फायदा पहुंचेगा। जिसमें गुना के 637, मुरैना के 635, शिवपुरी के 470, भिंड के 440, श्योपुर के 278, उज्जैन के 238, सीहोर के 110, मंदसौर के 147, इंदौर के 75, देवास के 74, आगर मालवा के 73, शाजापुर के 21 और राजगढ़ के 19 गांव शामिल हैं। सबसे ज्यादा गुना के गांव पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना शामिल हैं।