Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर क्राइम के मामलों में लागातार इजाफा हो रहा है, हर बार नए तरीकों से ठगी उन्हें पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ने दे रही ऐसे में जागरुकता ही एक मात्र ऐसे उपाय है, जो साइबर ठगी का शिकार होने से बचा सकती है। पत्रिका रक्षा कवच अभियान का असर साफ नजर आ रहा है, अब लोग अवेयर हुए हैं और साइबर डेस्क तक पहुंच कर अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं...
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: जब से भोपाल के थानों में साइबर डेस्क खुली है तब से हर रोज थानों में साइबर फ्रॉड के मामले पहुंच रहे है। साइबर ठग पुलिस से कई कदम आगे है क्योंकि पुलिस इन तक पहुंच नहीं पाती है जिन तरीकों से साइबर ठग अपराध करते है उन तरीकों को जब तक पुलिस समझ पाती है तब तक वो पुराना तरीका छोड़कर नया तरीका अपना लेते है।
पुलिस का मानना है कि साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता एक ऐसा रास्ता है जिससे लोग बच सकते है। पत्रिका भी अपनी मुहिम से लोगों को जागरूक कर रहा है। इसके साथ ही गोविंदपुरा पुलिस भी साइबर अपराध को लेकर लोगों को जागरूक कर रही है।
लोगों को यहां बैठा कर समझाया जा रहा है कि साइबर ठगी कैसे होती है कैसे ये ठग लोगों को कॉल कर उनके साथ ठगी करते है। जो डेस्क यहां बनाया गाया है वहां कोई भी व्यक्ति पुलिस से साइबर ठगी को लेकर जानकारी ले सकता है और पुलिस भी उन्हें ठगी से बचने के रास्ते बताती है ।
साइबर ठगी की घटनाएं हर रोज सुनता रहता हूं इसलिए साइबर फ्रॉड को लेकर कोई कॉल आया तो सतर्क रहूंगा। थाने में साइबर ठगी से बचने के बारे में बताया गया। साइबर ठगी एक बड़ी समस्या है पुलिस अपने स्तर हर मामले में जांच कर रही है। हर व्यक्ति को जागरूक किया जा रहा है ।
-अवधेश सिंह तोमर, थाना प्रभारी, गोविंदपुरा
मेरे साथ भी ठगी हुई है, मुझे एनपीसीआई कॉल सेंटर के नाम से कॉल आया जिनसे मुझे मेरी गलत ट्रांजेक्शन करने का कह कर पैसे वापस करने की बात कही और जब मैंने प्रक्रिया की तो मेरे खाते से ढाई हजार रुपए कट गए, अब थाने में शिकायत करने आया हूं।
-भूरेलाल विश्वकर्मा, पीड़ित
थाने में किसी काम से आया था साइबर फ्रॉड को लेकर पुलिस ने मुझे भी जानकारी दी है, साइबर ठगी की खबरें देखता रहता हूं, लेकिन इससे बचना कैसे है ये जानकारी आज मुझे बताई गई है।
-रोहित गिरी, आम नागरिक
ये भी पढ़ें: इंदौर और भोपाल ठगों का ठिकाना, 9 चेहरे बेनकाब