Electricity Bill : स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम(Smart Meter) बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट तरीके से झटका देने वाला है। पढें पूरी खबर..
Electricity Bill : स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम(Smart Meter) बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट तरीके से झटका देने वाला है। नए बिजली टैरिफ के लिए मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग को दिए प्रस्ताव में दो ऐसे प्रावधान हैं, यदि इन्हें मंजूरी मिली तो फिर स्मार्ट मीटर(Smart Meter) से बिजली ले रहे उपभोक्ताओं का बिजली खर्च बढ़ जाएगा। हैरानी ये कि ये जाहिरतौर पर नजर नहीं आएगा, लेकिन टैरिफ पर इसका असर दिखेगा।
● टाइम ऑफ दि डे टैरिफ- बिजली के नए टैरिफ के लिए दायर याचिका में स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के परिसरों में टीओडी यानी टाइम ऑफ दि डे टैरिफ लागू करने का प्रावधान किया है। अभी ये दस किलोवॉट से अधिक भार वालों पर लागू है। इसमें सुबह छह बजे से दस बजे तक व शाम छह बजे से रात दस बजे तक पीक अवर्स में बिजली की दर तय टैरिफ से 20 फीसदी ज्यादा रहती है। पीक अवर्स में बिजली का उपयोग ज्यादा होता है और इसीलिए ये बिल को 20 फीसदी तक बढ़ा देगा।
● टोटैक्स मॉडल से स्मार्ट मीटर- याचिका में स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम के लिए टोटैक्स मॉडल को मंजूर करने की बात है। इस मॉडल में मीटर खरीदी लागत, उसकी स्थापना व आइटी संचार नेटवर्क की लागत के साथ रखरखाव- मरमत, डेटा ट्रांसमिशन, साइबर सुरक्षा, बिलिंग, ग्राहक सेवा, सॉटवेयर अपग्रेड और लाइसेंस फीस को भी शामिल कर लिया है। खरीदी से लेकर रखरखाव लागत एक साथ वसूली के लिए लोन की इएमआई ज्यादा बनेगी। उपभोक्ताओं में इसे बांटकर टैरिफ में ही शामिल कर वसूला जाएगा। जिससे एक नई लागत बिल में जुड़ जाएगी, जिससे टैरिफ महंगा ही लागू होगा।
आयोग में अभी टैरिफ को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई का दौर शुरू होगा। सबको सुनने के बाद ही अंतिम निर्णय होगा। सुझाव आपत्ति की प्रक्रिया होगी। ऐसे में सोच विचार करके ही निर्णय होगा। - उमाकांत पांडा, सचिव मप्र विद्युत नियामक आयोग
भोपाल में करीब तीन लाख स्मार्ट मीटर(Smart Meter) लगाने का लक्ष्य तय किया है। इसमें से 55 हजार मीटर की स्थापना हुई है। मध्यक्षेत्र के 16 जिलों को मिलाने पर ये करीब एक लाख का आंकड़ा बनता है। अभी इनके प्री-पेड बनने के लिए मप्र विद्युत नियामक आयोग एसओपी यानी नियमावली बना रहा है। इसके बाद बिजली का प्री भुगतान लेना शुरू कर दिया जाएगा। शहर में इस समय छह लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता है। ग्रामीण मिलाने पर ये संया 9 लाख से अधिक बनती है। सभी उपभोक्ताओं के परिसरों में स्मार्ट मीटर की स्थापना की जाना है। स्मार्ट मीटर(Smart Meter) से रियल टाइम बिजली की खपत पता चलेगी, इसके लिए एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया गया है। हालांकि एप अभी काम नहीं कर रहा है।