ये भी पढें – शहर में 80% लोकेशनों पर संपत्ति की गाइडलाइन बढ़ने की संभावना, आसमान छुएंगे प्रॉपर्टी के दाम दूरसंचार कंपनियों से इंटरेक्टिव सेशन में दूरसंचार के भविष्य और मप्र में निवेश पर चर्चा हुई। ग्वालियर के पास प्रस्तावित टेलीकॉम पार्क में निवेश, सब्सिडी और निवेशकों को आकर्षित करने को नीतिगत सुधारों पर विमर्श हुआ। इसमें डिक्सन टेक्नोलॉजीज, रिलायंस जियो, एरिक्सन और नोकिया के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
दूसरी राउंड टेबल, प्रमुख राजदूतों और राजनयिकों के साथ आयोजित की गई। इसमें जीआइएस 2025 की रणनीतिक रूपरेखा प्रस्तुत कर अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को प्रदेश में उपलब्ध निवेश अवसरों से अवगत कराया। इस बैठक में 40 देशों के 51 राजनयिक और व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें 13 राजदूत, 4 उच्चायुक्त, 5 चार्ज द अफेयर, 3 डिप्टी हेड्स, 6 काउंसलर, 4 प्रथम सचिव, 2 द्वितीय सचिव, और 5 आर्थिक व व्यापारिक विशेषज्ञ शामिल थे। इनमें से यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और जापान जैसे विकसित राष्ट्र पार्टनर कंट्री के रूप में इस समिट में शामिल हो रहे हैं।
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ऑस्ट्रेलिया के राजदूत ने शिक्षा, कृषि और कौशल विकास में सहयोग को प्राथमिकता देने की बात कही, जबकि मैक्सिको के राजदूत ने प्रदेश की नीतियों की सराहना करते हुए निवेश संभावनाओं पर सकारात्मक रुख प्रकट किया। अलबानिया के राजदूत ने शहरी नियोजन के क्षेत्र में तो जिंबाब्वे के राजदूत ने कृषि क्षेत्र में रुचि दिखाई। स्लोवेनिया के राजदूत ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश और सहयोग की संभावनाओं को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।
मप्र में निवेशकों के लिए बहुत सस्ती जमीन उपलब्ध : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव(CM Mohan Yadav) ने कहा कि मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) की उद्योग एवं निवेश नीति निवेशकों के लिए बहुत फ्रेंडली है। हम स्टार्ट-अप्स को विशेष महत्व दे रहे हैं। उद्योगों में विभिन्न रियायतों के साथ ही इस बात का सर्वाधिक ध्यान रखा जाता है कि उनके सारे काम समय से हो जाएं। मध्यप्रदेश में जमीन दिल्ली की तुलना में एक बटे 40 गुना और मुंबई की तुलना में एक बटे 100 गुना सस्ती है। मध्यप्रदेश में सभी सेक्टर में विशेष रूप से टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेश की असीमित संभावना है। हम टेक्सटाइल्स पर 200 प्रतिशत इन्सेंटिव देते हैं, हमारा कॉटन उच्च गुणवत्ता का है। सीएम ने कहा कि जापान यात्रा के दौरान यूनिक्लो कंपनी के मालिक ने भी इस बात का उल्लेख किया था।
मप्र में कुल ऊर्जा का 30 फीसदी नवकरणीय स्रोतों से- सीएस
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री की यह मंशा है कि औद्योगिक विकास संतुलित होना चाहिए। इसलिए जीआइएस के पहले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की गईं हैं। उन्होंने कहा कि मप्र बिजली सरप्लस स्टेट हैं। कुल ऊर्जा का 30 प्रतिशत नवकरणीय स्रोतों से पैदा हो रही है, जो कि 2030 तक बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगी। इंदौर 7 बार से लगातार स्वच्छता में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है और प्रदेश स्वच्छता में दूसरे स्थान पर है। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव अपना सर्वाधिक समय उद्योग विभाग को देकर प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश में होने वाली जीआइएस-2025 की विशेषताओं का उख करते हुए सभी को जीआइएस में आमंत्रित किया।
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15 उद्योगपतियों से वन-टू-वन मीटिंग की। इनमें जागृत कोटेचा (सीईओ पेप्सिको दक्षिण एशिया), पुनित डालमिया (चेयरमैन, डालमिया भारत), माधवकृष्ण सिंघानिया (सीईओ जेके सीमेंट), विनीत मित्तल (चेयरमैन अवाडा ग्रुप), जीन-मार्क लेक्सरक्यू (सीईओ, सॉफलेट माल्ट), रिकांत पिट्टी (संस्थापक ईज माय ट्रिप, विनय व्यास (सीईओ फ्यूजन एक्स एनर्जी), अनिल चालमातासेटी (ग्रुप सीईओ ग्रीनको ग्रुप), विनीत आर्य (वाइस चेयरमैन, जेबीएम समूह), राहुल मित्तल (चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, राइट्स) और अनुसूइया रे (वाइस प्रेसिडेंट कॉर्पोरेट अफेयर्स, ऐबी-इनवेव इंडिया) शामिल थे।