
Indore NagarNigam
Indore NagarNigam : इंदौर नगर निगम में करोड़ों के फर्जी बिल घोटाले के बाद भी ऑडिट शाखा के हाल नहीं बदले हैं। अब यहां एक 23 साल पुराने प्रकरण की फाइल गायब हो गई। यह फाइल ऑडिट शाखा में जनवरी महीने में मार्केट विभाग से भेजी गई थी, लेकिन अब फाइल नहीं मिल रही है। इससे एक पीड़ित का भुगतान अटक गया है। फाइल विभाग में पहुंची तो है, क्योंकि इसकी जानकारी आवक रजिस्टर में दर्ज है, लेकिन इसके बाद विभाग के अंदर ही गायब हो गई।
पीड़ित ने फाइल गायब होने की शिकायत पार्षद, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त से की है। पूर्व में हुए करोड़ों के फर्जीवाड़े(Indore Fake Bill Scam) के बाद ऑडिट शाखा पर लगाम लगाने लिए महापौर ने सख्ती करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद भी कोई असर नहीं हो रहा।
पीड़ित मनोज गौर के मुताबिक, उन्होंने वर्ष 2002 में ज्योतिबा फुले मार्केट (नन्दलाल पूरा) में दुकान ली थी। इसके बदले 70 हजार रुपए चुकाए। कुछ समय बाद यह मार्केट तोड़ दिया गया और नए मार्केट को बनाने की योजना बन गई। नगर निगम(Indore NagarNigam) के मार्केट विभाग से मांग की थी कि यहां दुकान के बदले दुकान मिल जाए, लेकिन दुकान नहीं मिली। बाद में निगम ने कहा कि दुकान के लिए जो पैसा जमा किया था उसमें से किराया काटकर वापस किया जाएगा। इसके बाद भी वर्षों तक पैसा नहीं मिला।
कुछ समय पहले महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जमा किए हुए पैसे में से किराया काटकर 57 हजार रुपए वापस करने की अनुशंसा की। इसपर मार्केट विभाग के अधिकारियों ने फाइल तैयार की। पैसे लौटाने के लिए मार्केट विभाग से तैयार हुई फाइल को ऑडिट शाखा में भेजा गया। जनवरी को इसकी एंट्री भी आवक रजिस्टर में हुई, लेकिन फिर ऑडिट शाखा से फाइल गायब हो गई। निगम से इन पैसों का चेक लेने के लिए पीड़ित कई दिनों से दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन मार्केट और ऑडिट शाखा से कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है।
मालूम हो, निगम में ड्रेनेज विभाग से संबंधित करोड़ों रुपए का फर्जी बिल घोटाला(Indore Fake Bill Scam) सामने आया था। इसमें ऑडिट शाखा से कर्मचारी-अधिकारियों की भूमिका सामने आई थी। एमजी रोड थाना पुलिस ने ऑडिटर सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। आयुक्त ने वित्त विभाग को चिट्ठी लिखकर व्यवस्था बदलने के निर्देश दिए थे। कई महीनों के बाद भी हालत नहीं बदले हैं।
मामले(Indore Fake Bill Scam) की जानकारी लेने के लिए ऑडिट शाखा के सीनियर ऑडिटर सोनी को कॉल किए, लेकिन जवाब नही दिया। महिला अधिकारी खुशबू यादव ने कहा, दफ्तर के समय के बाद किसी के कॉल रिसीव नहीं करती, आप क्यूं इस समय कॉल कर रहे हैं। मेरा भी घर परिवार है। मैं दफ्तर में जाकर ही बता पाऊंगी। अभी मुझे कुछ ध्यान नहीं है। मैंने फाइल की जानकारी उनके (पीड़ित) सामने ही उन्हें दी थी। अब वह फोन लगवा रहे हैं।
Published on:
12 Feb 2025 10:28 am
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