MP News: पितृ पक्ष के इस पावन समय में, जहां हर कोई अपने पूर्वजों को याद कर रहा है, वहीं भोपाल में एक 70 वर्षीय मां इंदु दुपाडे अपने ही बेटों की बेरुखी का शिकार होकर वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं।
MP News: पितृ पक्ष के इस पावन समय में, जहां हर कोई अपने पूर्वजों को याद कर रहा है, वहीं भोपाल में एक 70 वर्षीय मां इंदु दुपाडे अपने ही बेटों की बेरुखी का शिकार होकर वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं। एक मां की ममता को शर्मसार करते हुए उनके दो कलयुगी बेटों ने उन्हें आसरा वृद्धाश्रम के गेट पर छोड़ दिया। इस घटना ने समाज की संवेदना को झकझोर कर रख दिया है।
इंदु दुपाडे की कहानी बेहद दर्दनाक है। उन्होंने बताया कि 12 सितंबर 2025 की रात को उनकी छोटी बहू संगीता दुपाडे ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। बेसहारा मां ने पूरी रात सडक़ पर गुजारी। सुबह, उनके बड़े बेटे विनोद दुपाडे और छोटे बेटे पीयूष दुपाडे उन्हें शाहजहांनाबाद स्थित आसरा वृद्धाश्रम ले गए और गेट पर छोडक़र भाग गए। इस अमानवीय कृत्य के बाद, 13 सितंबर 2025 को शाहजहांनाबाद और गांधीनगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई।
मां ने बताया कि उनके एक बेटे का घर गांधीनगर में और दूसरे का निशातपुरा में है, लेकिन उन्हें गली-मोहल्ले की सही जानकारी याद नहीं है। उन्हें केवल छोटे बेटे, पीयूष दुपाडे, का मोबाइल नंबर याद है, जो अब बंद आ रहा है। यह भी पता चला है कि यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी दोनों बेटे एक बार आश्रम में अपनी मां को छोडऩे आए थे, लेकिन तब आश्रम के स्टाफ ने उन्हें स्वीकार करने से मना कर दिया था। उस घटना का एक वीडियो भी है, जिसमें छोटा बेटा पीयूष दिखाई दे रहा है।
वृद्धाश्रम के स्टॉफ ने अपील की है कि अगर कोई भी इन बेटों को जानता हो, तो इसकी सूचना तुरंत दी जाए। मां इंदु दुपाडे की आँखें आज भी अपने बेटों की राह ताक रही हैं, इस उम्मीद में कि नवरात्रि के पावन पर्व पर उनके बेटों को सद्बुद्धि आएगी और वे उन्हें अपने साथ घर ले जाएंगे।