पीएम मोदी ने करीब बुलाकर नरोत्तम मिश्रा से की बातचीत....। वीडियो हुआ वायरल...। अब तक ढाई लाख से अधिक कांग्रेस नेताओं को भाजपा ज्वाइन करा चुके हैं नरोत्तम मिश्रा...।
MP Loksabha 2024 News:- मध्यप्रदेश में चुनावी घमासान के बीच प्रधानमंत्री के साथ बैठकर नरोत्तम मिश्रा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पीएम मोदी ने नरोत्तम मिश्रा से क्या पूछा और नरोत्तम मिश्रा उन्हें क्या समझाया, इसे लेकर अब सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। दोनों में करीब 4 मिनट तक लंबी चर्चा होती रही। इस चर्चा का वीडियो भी वायरल हो रहा है।
प्रधानमंत्री और नरोत्तम मिश्रा की इतनी देर तक बातचीत की चर्चा इसलिए भी है कि कई दिग्गज नेता मोदी से नहीं मिल पाते हैं, ऐसे में नरोत्तम मिश्रा (dr narottam mishra) उनके साथ बैठकर बातें करते नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी भी उनसे कुछ पूछते नजर आ रहे थे। करीब चार मिनट तक यह बातें होती रहीं। दोनों की चर्चाओं का वीडियो वायरल हो रहा है।
दरअसल सागर में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा थी। पीएम मोदी के बगल में पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बैठे थे। जब डॉ. मोहन यादव (mp cm dr mohan yadav) का संबोधन शुरू हुआ तो उनकी कुर्सी खाली हो गई थी। इसके कुछ मिनट बाद नरोत्तम मिश्रा उसी कुर्सी पर बैठे नजर आए। पीएम मोदी उनसे कुछ पूछते नजर आए। नरोत्तम मिश्रा भी उन्हें जानकारियां देते हुए या समझाते नजर आ रहे थे। जब डॉ. मोहन यादव का भाषण चल रहा था, तो यह नजारा कैमरे में लगातार कैद हो रहा था।
पूर्व गृहमंत्री रह चुके नरोत्तम मिश्रा हाल ही में दतिया विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे। इसके बाद कोई पद नहीं होने के बाद उन्हें कभी राज्यसभा में भेजने की अटकलें लगीं, तो कभी लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चाएं चलीं। लेकिन, भाजपा ने उन्हें संगठन में जगह दी और भाजपा की न्यू ज्वाइनिंग टोली का संयोजक बना दिया। कांग्रेस पार्टी के लिए सिरदर्द बन चुके नरोत्तम मिश्रा ने चंद दिनों में ही कई कांग्रेस नेताओं को भाजपा ज्वाइन कराने का रिकार्ड बना दिया। भाजपा की ओर से दावा किया जाता है कि अब तक ढाई लाख से अधिक कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा ज्वाइन करा चुकी है।
नरोत्तम मिश्रा की इतनी करीबी देख राजनीतिक जानकार यह भी कयास लगा रहे हैं कि उन्हें आने वाले दिनों में कोई बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। उन्हें संगठन में ही बड़ी जिम्मेदारी या सत्ता में फिर से लाया जा सकता है। हालांकि लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद ही बता चलेगा कि इस चर्चा के सियासी मायने क्या थे।