भोपाल

budget: बजट से मध्यप्रदेश की उम्मीद अधूरी, सिंहस्थ के पैकेज की उम्मीद भी टूटी

budget 2024 highlights: केंद्रीय बजट से मध्यप्रदेश को काफी उम्मीदें थीं। खासकर उज्जैन सिंहस्थ के स्पेशल पैकेज को लेकर, लेकिन बजट में निराशा हाथ लगी।

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Jul 24, 2024

budget 2024 highlights: केंद्रीय बजट से मध्यप्रदेश को काफी उम्मीदें थीं। खासकर उज्जैन सिंहस्थ के स्पेशल पैकेज को लेकर, लेकिन बजट में निराशा हाथ लगी। उम्मीद की वजह ये कि आयोजन भले ही 2028 में होना है, लेकिन इसके लिए विकास कार्यों की पारी अभी से खेलनी होगी। यूं कहना चाहिए कि सरकार ने पारी खेलना शुरू कर दिया है। बजट में उल्लेख करने लायक केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए राशि का प्रावधान है। बाकी तो मप्र को अपनी खुशी बजट के ग्राउंड में दर्शक दीर्घा से ही जाहिर करनी पड़ी।

आम बजट में नदी जोड़ो परियोजना के लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह राशि केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए है। इससे योजना के काम में गति आएगी। परियोजना के ढोढऩ बांध निर्माण के लिए टेंडर हो चुके हैं। 3900 करोड़ की लागत वाले बांध की ऊंचाई 77 मीटर और लंबाई 2031 मीटर यानी करीब 2.03 किमी होगी। जलभराव क्षमता 6590 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी। प्रभावित 10 गांवों की जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा वितरण चल रहा है। 267 करोड़ में से 50 करोड़ वितरित किए जा चुके हैं। 10 गांव के प्रभावित 11284 ग्रामीणों को चार जगह विस्थापित किया जा रहा है। इस नदी जोड़ो परियोजना से मध्यप्रदेश के नौ और उत्तरप्रदेश के चार जिलों को लाभ मिलेगा।

आदिवासीः उन्नत ग्राम अभियान योजना

केंद्र सरकार आम बजट में देश के आदिवासियों के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान लेकर आई है। इस योजना के तहत देश के लगभग पांच करोड़ आदिवासियों को फायदा मिलेगा।

मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति आबादी राज्य की कुल जनसंख्या की लगभग 22 प्रतिशत है। इस हिसाब से प्रदेश के लाखों आदिवासी परिवारों को योजना का लाभ होगा। यह वर्ग नेताओं का बड़ा वोट बैंक भी है।

किसानः प्राकृतिक खेती में आएगी तेजी

देश के छह करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी। शोध, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रोडक्शन, स्टोरेज, मार्केटिंग पर फोकस रहेगा।

मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां किसानों की संख्या लगभग एक करोड़ है। प्रदेश सरकार पहले ही ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। केंद्रीय बजट का अंश मिलने से इसमें और तेजी आएगी।

संग्रहालयः भोपाल में देखो सभ्यता का विकास

केंद्र के अधीन संग्रहालयों के लिए बजट में 373 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इनमें भोपाल का इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भी शामिल है। पिछली बार 389.40 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया था।

मानव संग्रहालय में देशभर की जनजातीय संस्कृति को संजोया गया है। इसके साथ ही मानव की सभ्यता और संस्कृति का विकास दर्शाया गया है।

हीराः पन्ना के हीरों को मिलेगी नई पहचान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि भारत डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग की इंडस्ट्री में एक वर्ल्ड लीडर है। केंद्र सरकार ने विचार किया है कि देश में कच्चे हीरे बेचने वाली विदेशी माइनिंग कंपनियों के लिए सुरक्षित दरें उपलब्ध कराई जाएंगी।

केंद्र सरकार के इस फैसले से पन्ना के हीरे को नई पहचान मिलेगी। यहां का हीरा एशिया में अहम पहचान रखता है। ऐसे में उम्मीद है कि पन्ना में हीरा खनन में तेजी भी आएगी।

युवा, खेलः 78.51 करोड़ बजट

लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान के लिए 78.51 करोड़ का बजट। इसकी स्थापना 1957 में ग्वालियर में हुई थी। 1995 में समकक्ष विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया।

संस्थान युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन स्वायत्तशासी संगठन है, जो केंद्र की मदद से संचालित है।

नगरीय विकासः इलेक्ट्रॉनिक बसों के लिए 326.32 करोड़

स्ट्रीट वेंडर योजना में 326.32 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। हाल ही में मप्र को पुरस्कार भी मिल चुका है।

पीएम ई-बस सेवा के लिए 1300 करोड़ रुपए मिले हैं। गैस त्रासदी संबंधी मामलों के लिए पिछली बार 126.09 करोड़ का प्रावधान था। इस बार कोई राशि नहीं रखी गई है।

कला संस्कृतिः जयंती मनाने में कंजूसी

देश की महान विभूतियों के शताब्दी एवं वर्षगांठ समारोह के लिए 90 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

इसमें गोंड शासक रानी दुर्गावती का 500 वां जयंती समारोह भी शामिल है। पिछले वित्तीयय वर्ष में समग्र रूप से 335 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इस बार बजट में भारी कटौती की गई है।

विशेषज्ञों की राय

मुद्रा लोन बढ़ाने का मिलेगा फायदा

मध्यप्रदेश में पर्यटन की अपार संभावना है। इस व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नई योजनाओं का लाभ युवा उद्यमियों को लेना चाहिए। कुल मिलाकर बजट सभी वर्गों को कुछ न कुछ लाभान्वित करने वाला है।
धर्मेंद्र शर्मा अध्यक्ष कैट, भोपाल

आर्थिक जगत के लिए बजट बेहतर कह सकते है

देश की जरूरत को देखते हुए कस्टम ड्यूटी में बड़े बदलाव किए है। किसान, युवा, गरीब और महिलाओं को बजट में प्राथमिकता दी है। अधोसंरचना विकास पर बल दिया गया। देश को बजट का फायदा लंबे समय तक मिलेगा।
राजेश जैन चार्टर्ड अकाउंटेंट, भोपाल


कुशल श्रमिकों की आपूर्ति में होगी वृद्धि

विश्लेषण प्रोफेसर अतुल दुबे, इकोनॉमिस्ट

मोदी सरकार ने बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण में रोजगार के अवसरों की बात कही। अब बजट में भी काफी हद तक इस पर फोकस किया गया है। इसके अलावा विभिन्न सेटर में राशि का प्रावधान कर साधने की कोशिश की है।


मप्र के परिप्रेक्ष्य में मोदी सरकार के बजट को कैसे देखते हैं?

मध्यप्रदेश को केंद्रीय बजट से कई महवपूर्ण लाभ प्राप्त हुए हैं। राज्य में सड़कों, रेल, और हवाई अड्डों के विकास के लिए भारी निवेश का प्रावधान किया गया है। इससे परिवहन और संचार व्यवस्था में सुधार होगा। किसानों के लिए नई योजनाओं और अनुदानों की घोषणा की गई है। इसमें सिंचाई परियोजनाएं, फसल बीमा, और कृषि अवसंरचना को मजबूत करने के लिए वित्तीय सहायता शामिल है। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए नए अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जबकि शिक्षा के क्षेत्र में नए स्कूल और उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना पर जोर दिया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत योजना के तहत राज्य के प्रमुख शहरों के विकास के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है।

युवाओं की बात करें तो आम बजट में क्या खास प्रावधान किए गए हैं?

राज्य में नए उद्योगों और विनिर्माण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए कर में छूट और अन्य प्रोत्साहन दिए गए हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास के लिए विशेष बजट आवंटित किया गया है। नदियों के पुनर्जीवन और जल संरक्षण परियोजनाओं के लिए धनराशि आवंटित की गई है, जिससे जल संकट को कम किया जा सके। कुल मिलाकर, केंद्रीय बजट से मध्यप्रदेश को विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता मिली है। इसके अलावा एक करोड़ युवाओं को 500 प्रमुख कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए 5000 रुपए प्रतिमाह एक साल के लिए दिए जाएंगे। यह सराहनीय कदम है। इससे प्रदेश के युवाओं को फायदा मिलेगा। कुशल श्रमिकों की आपूर्ति में वृद्धि होगी और काफी हद तक बेरोजगारी की समस्या से मुक्ति मिलेगी।


उद्योग क्षेत्र के फर्राटा दौड़ में शामिल होने की उम्मीद

विश्लेषण: डॉ. राधाशरण गोस्वामी, अध्यक्ष, एमपी फेडरेशन

मध्यप्रदेश सरकार ने रीजनल इन्वेस्टर समिट की शुरुआत की है। दो समिट हो चुकी हैं। प्रयास है कि प्रदेश में सभी जगह उद्योगों की स्थापना हो। इसमें एमएसएमई सेंटर अहम है। आम बजट में भी इस पर जोर दिया गया है।

मध्यप्रदेश के एमएसएमई सेक्टर के लिहाज से आम बजट को कैसे देखते हैं? प्रदेश को क्या फायदा होगा?

केंद्र की नई सरकार का पहला बजट मध्यप्रदेश के लिए कई सौगातें लेकर आया है। प्रदेश में डेढ़ लाख से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग (एमएसएमई) सेंटर की इकाइयां संचालित की जा रही हैं। एमएसएमई सेंटर को परेशानी के दौरान भी बैंक ऋण आसानी से मिलता रहे इसके लिए सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र में ऋण गारंटी योजना लागू की है। जिसमें 100 करोड़ रुपए तक का गारंटी कवर प्रदान किया गया है जो कि स्वागत योग्य है। फूड सेंटर में निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टीप्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे प्रदेश में इकाइयों की संख्या बढ़ेगी। इसके साथ ही एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए पीपीपी मोड पर ई- कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

जीएसटी को सरल बनाने की बात कही गई है, क्या फायदा होगा?

सरकार जीएसटी को अधिक सरल और युक्तिसंगत बनाने का प्रयास करेगी। यह ऐसा कदम है जो कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने में मदद करेगा। सरकार ने सीमा शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने का भी प्रस्ताव रखा है। मुद्रा लोन की राशि 10 से बढ़ाकर 20 लाख करने से एमएसएमई को बूस्ट मिलेगा। उद्योगों के लिए घोषणाएं जैसे 100 शहरों में या उसके आसपास निवेश के लिए 'प्लग एंड प्ले' औद्योगिक पार्कों का निर्माण, राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के तहत 12 पार्कों को मंजूरी, खनिजों के घरेलू उत्पादन, रिसाइक्लिंग और विदेश में महत्वपूर्ण खनिज आस्तियों का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन शुरू करने से सभी को लाभ मिलेगा।

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