Weather Information: मौसम के मिजाज की सटिक जानकारी मिलने के लिए अलग-अलग हिस्सों में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम लगाए जा रहे हैं।
Weather Information: समय के साथ-साथ भोपाल का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि शहर के किसी हिस्से में बारिश होती है और किसी हिस्से में धूप खिलती है। मौसम का मिजाज अलग-अलग होता है। ऐसे में शहर के मौसम के मिजाज की सटिक जानकारी मिले, इसके लिए अलग-अलग हिस्सों में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम लगाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में शहर के नीलबड़ रातीबड़ में भी ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम की शुरुआत होने जा रही है।
शहर के मौसम के लिए पहले दो ही आबर्जविटी सेंटर बैरागढ़ और अरेरा हिल्स थे। अब जब शहर का चारों ओर विस्तार हो रहा है, ऐसे में कई बार अलग-अलग क्षेत्रों में मौसम का मिजाज अलग-अलग होता है। ऐसे में कई बार मौसम संबंधी जानकारी नहीं हो पाती।
इसके लिए अब आबर्जविटी बढ़ाई जा रही है। इसके तहत शहर के कोलार, नवीबाग, बैरसिया में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम लगाए गए हैं, जहां से मौसम का अनुमान आने लगा है।
अब नीलबड़-रातीबड़ में भी इसकी शुरुआत की जा रही है। इसके लिए यहां सिस्टम लगा दिया गया है, जिसे कनेक्ट करने का काम किया जा रहा है। शीघ्र ही यहां से भी मौसम की जानकारी मिलेगी।
जहां-जहां ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम लगे है वहां से मौसम की जानकारी मिलेगी। जिन क्षेत्रों में सिस्टम लगे हैं, वहां से मौसम का अनुमान आसानी से पता चलेगा। मौसम केंद्र में डाप्लर रडार लगा हुआ है, इससे भी बादलों की स्थिति, ऊंचाई, हवा की गति, बारिश का पूर्वानुमान की गणना होती है। इसके तहत भोपाल सहित आसपास के 400 किमी के दायरे में मौसम का आंकलन का आसानी से पता चल जाता है।
शहर के विस्तार को देखते हुए मौसम की सटिक जानकारी मिले इसके लिए हम लगातार दायरा बढ़ा रहे हैं, ताकि शहर के हर हिस्से से मौसम का सटिक आंकलन हो सके। अभी बैरागढ़, अरेरा हिल्स, नवीबाग, कोलार, बैरसिया में हमारे ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन है, इसके साथ ही नीलबड़-रातीबढ़ में भी इसकी शुरुआत की जा रही है। इसके लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी हो गई है। सिस्टम भी लगा दिया है। अभी टेस्टिंग का काम चल रहा है। प्रयास है कि जुलाई माह से इसकी शुरुआत हो जाएगी।
डॉ वेदप्रकाश सिंह, सीनियर साइंटिस्ट भोपाल मौसम केंद्र