Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश में कोई भी चुनाव क्यों न हो ये घूमता सिर्फ लाड़ली बहना योजना के ही इर्द-गिर्द है।
Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश की दो विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस जोरों-शोरों से प्रचार-प्रसार कर रही हैं। दोनों ही पार्टियों को भरोसा है कि उनपर लाड़ली बहनें आशीर्वाद बनाएंगी। सीएम डॉ मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना के जरिए महिलाओं को भविष्य में 3000 हजार रुपए देने का वादा किया है। वहीं कांग्रेस लगातार बहनों को तीन हजार रूपए देने के लिए सरकार पर दवाब बना रही है।
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से सीट खाली हो गई थी। ऐसी ही श्योपुर की विजयपुर विधानसभा सीट पर रामनिवास रावत ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। जिस वजह से वह सीट खाली हो गई थी। दोनों ही सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होनी है।
देशभर में सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहने वाली लाड़ली बहना योजना को लेकर दोनों ही पार्टियां दांव खेल रही है। कांग्रेस के पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और पूर्व सीएम कमलनाथ भी लाड़ली बहनों को तीन हजार रूपए दिए जाने का दवाब लगातार सरकार पर बना चुके हैं। वहीं बीते दिनों उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने भी दिवाली के पहले लाड़ली बहनों को तीन हजार रुपए देने की मांग की थी।
सीएम डॉ मोहन यादव ने विजयपुर में सभा को संबोधित करते हुए कई बार लाड़ली बहनों को तीन हजार रूपए महीना देने की कह चुके हैं। बीते दिन ही गोवर्धन पूजा के दौरान सीएम ने ऐलान किया था लाड़ली बहनों को तीन हजार रूपए देने का वादा होगा पूरा। इस बयान का मतलब साफ है कि उपचुनाव में लाड़ली बहनों के सहारे ही भाजपा की नैय्या पार लग पाएगी।
साल 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पूरी उम्मीद थी कि उनकी सरकार बन रही है। राजनीतिक विश्लेषकों और खुद भाजपा की आंतरिक रिपोर्ट में भी हार का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन जब नतीजे आए तो लाड़ली बहना योजना ने पूरे समीकरण धराशाई कर दिए। इसके बाद प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बन पाई।