Trump Tariff Effect : डोनाल्ड ट्रंप के एलान का बीकानेर पर बड़ा असर पड़ा। बीकानेर की मशहूर भुजिया-नमकीन और ईसबगोल के ऑर्डर अब अमेरिका से बंद हो गए हैं। टैरिफ पर अंतिम फैसला 27 अगस्त के बाद होगा। जानें क्या होगा।
Trump Tariff Effect : डोनाल्ड ट्रंप के एलान का बीकानेर पर बड़ा असर पड़ा। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ और जुर्माना लगाने की घोषणा का असर बीकानेर के नमकीन, मिठाई और ईसबगोल बाजार पर साफ नजर आने लगा है।टैरिफपर अंतिम फैसला 27 अगस्त के बाद होगा, लेकिन जुलाई के बाद से अमरीका से नए ऑर्डर आना बंद हो गए हैं। ईसबगोल के बाजार में तो टैरिफ लॉकडाउन ही लग गया है। माना जा रहा है कि अड़ा-अड़ी अगर ऐसी ही रही, तो ईसबगोल के लिए नए विदेशी बाजार की तलाश करनी पड़ सकती है।
अमरीका में दीपावली के अवसर पर भुजिया-नमकीन और मिठाई की खास मांग रहती है। इस बार वहां के व्यापारियों ने पहले ही ऑर्डर देकर जुलाई में अंतिम खेप मंगवा ली, जो सितंबर के पहले सप्ताह तक पहुंचने की संभावना है। जुलाई के बाद नए ऑर्डर रुक गए हैं।
अमरीका में दीपावली पर बीकानेर की नमकीन-मिठाई की खासी ग्राहकी रहती है। वहां अमरीकी तथा वहां रहने वाले भारतीयों में भुजिया-नमकीन के प्रति क्रेज है। यहीं वजह है कि दीपावली पर होने वाली ग्राहकी को देखते हुए वहां के व्यापारियों ने पहले ही ऑडर दे दिया था। मोटे अनुमान के मुताबिक, बीकानेर से अमरीका हर माह करीब 100 टन से ज्यादा नमकीन-मिठाई का निर्यात होता है। दीपावली के लिए इस बार करीब 2500 टन माल भेजा गया, जिसमें 90त्न से ज्यादा पहले ही रवाना हो चुका है। शेष माल भी जाने की तैयारी में है। हालांकि, नए माल का ऑर्डर बिलकुल बंद है।
बीकानेर से बड़ी मात्रा में ईसबगोल का निर्यात भी अमरीका होता रहा है। मोटे तौर पर हर माह करीब 100 टन ईसबगोल का निर्यात अमरीका को होता है। 50 फीसदी टैरिफ की घोषणा के बाद से इस उत्पाद के नए ऑर्डर पूरी तरह बंद हो गए हैं। व्यापारी अब नए विदेशी बाजार की तलाश में हैं।
टैरिफ की घोषणा के कारण नया ऑर्डर नहीं के बराबर आ रहा है। अमरीका के व्यापारियों ने दीपावली का जो ऑर्डर दिया था। वह करीब-करीब भेज दिया है। पूर्व में आए ऑर्डर के अनुसार जुलाई तक माल भेज दिया है। अब नए ऑर्डर का इंतजार किया जा रहा है।
हरिराम अग्रवाल एमडी, भीखाराम चांदमल ग्रुप
ट्रंप ने जब पहली बार टैरिफ की घोषणा की थी। तभी से ही वहां के व्यापारियों ने मंगाना बंद कर दिया है। अब भविष्य में क्या होगा, इसे लेकर अभी तक कोई अंदाजा नहीं है।
मुकेश अग्रवाल, ईसबगोल व्यापारी