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Trump’s Tariffs Effect : जयपुर के फैक्ट्री संचालक चिंतित, 8,000 करोड़ रुपए का निर्यात ठप, मांगा राहत पैकेज

Trump’s Tariffs Effect : डोनाल्ड ट्रंप के लगाए 50 फीसद टैरिफ की वजह से जयपुर के दो प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में 8,000 करोड़ रुपए का निर्यात ठप हो गया है। फैक्ट्री संचालक चिंतित हैं। सरकार से तुरंत राहत पैकेज की मांग की। साथ ही ड्यूटी ड्रॉ-बैक का सुझाव भी दिया। जानें पूरा मामला।

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Trump’s Tariffs Effect Jaipur Factory Operators Worried exports worth Rs 8,000 crores stalled demand relief package

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Trump’s Tariffs Effect : अमरीका की ओर से भारतीय निर्यातकों पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद अमरीका के लिए निर्यात पूरी तरह ठप हो गया है। हालांकि ट्रंप प्रशासन की घोषणा के अनुसार जो ऑर्डर 1 अगस्त से पहले पाइप लाइन में थे उन पर 5 अक्टूबर तक 10 प्रतिशत टैरिफ ही लगाया जाएगा, लेकिन अमरीकी बायर्स अभी से ही लगातार ऑर्डर व बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं।

इस मुश्किल घड़ी में राजस्थान पत्रिका ने जयपुर के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र सीतापुरा और विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित निर्यात आधारित औद्योगिक इकाइयों का जायजा लिया। फिलहाल इकाइयों में मैन्युफैक्चरिंग और प्रोसेसिंग का काम जारी है, लेकिन फैक्ट्री संचालक भारी चिंता में हैं। इनकी मुश्किल है कि जो माल अमरीका के लिए बन चुका है या प्रोसेसिंग में है, उसका क्या होगा। इस माल को दूसरे देश में खपाना मुश्किल है, क्योंकि ये डिजाइन अमरीका के खरीदारों की पसंद को देखते हुए तैयार किए गए हैं। दूसरे देशों के लोगों की पसंद, डिजाइन और फैशन अलग होता है। इसलिए निर्यातकों को होने वाले नुकसान की भरपाई और निर्यात आधारित इकाइयों में कर्मचारी और कारीगरों के रोजगार बचाने के लिए सबसे पहले सरकार से निर्यात राहत पैकेज की मांग की जा रही है।

सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र

1- सीतापुरा में 100 से ज्यादा इकाइयां निर्यात आधारित हैं। इनमें गारमेंट, जेम्स- ज्वैलरी, हैंडीक्राफ्ट, होम फर्निशिंग शामिल हैं।
2-सीतापुरा में लगभग 70 हजार लोग इन फैक्ट्रियों में काम करते हैं।
3- यहां से सालाना करीब 7500 करोड़ का अमरीका को निर्यात होता है।

विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र

1- विश्वकर्मा में 250 इकाइयां हैं। इनमें इंजीनियरिंग गुड्स, ऑटो कंपोनेंट, गारमेंट्स, जवाहरात, चांदी के आइटम, हैंडीक्राफ्ट और फर्नीचर शामिल है।
2- इन औद्योगिक इकाइयों से सालाना करीब 500 करोड़ का निर्यात होता है।
3- इन निर्यात इकाइयों में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं।

निर्यातकों से संवाद करे सरकार

निर्यात आधारित इकाइयों को डूबने से बचाने के लिए तुरंत राहत पैकेज की आवश्यकता है, इसमें निर्यातकों के लिए 10 से 20 प्रतिशत तक ड्यूटी ड्रॉ बैक की घोषणा सबसे पहले होनी चाहिए। इस बीच सरकार को संबल के लिए प्रदेश के निर्यातकों से संवाद करना चाहिए।
निलेश अग्रवाल, अध्यक्ष, सीतापुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

नॉलेज सेशन की बनाई जा रही है योजना

प्रत्येक देश के मार्केट की डिमांड अलग होती है, अमरीका के लिए तैयार माल को दूसरे देश में बेचना मुश्किल है, फिर भी भविष्य के लिए नए वैश्विक बाजार की तलाश में वीकेआइ के निर्यातकों को हम पूरा सहयोग करेंगे। इसके लिए सरकार के साथ मिलकर नॉलेज सेशन की योजना बनाई जा रही है।
जगदीश सोमानी, अध्यक्ष, वीकेआइ एसोसएिशन

भारत पर लगा 50 फीसदी टैरिफ

भारत और अमरीका के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पहले 25 फीसदी का टैरिफ लगाया था, लेकिन इसके बाद 25 फीसदी और टैरिफ लगा दिया। जिसे बाद यह कुल 50 फीसदी टैरिफ हो गया। ट्रंप ने सख्त रवैया दिखाते हुए कहा कि मसला हल होने तक कोई बातचीत नहीं होगी। ट्रंप ने भारत और ब्राजील पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाया है। ये दोनों ही देश 50-50 प्रतिशत टैरिफ का बोझ झेलने के लिए लगभग तैयार हैं।


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