Bikaner Drone survey: बीकानेर जिले के कोलायत क्षेत्र स्थित गंगा सरोवर कैचमेंट एरिया में चल रहे अवैध खनन को लेकर पत्रिका की खबर का सीएम भजनलाल शर्मा ने संज्ञान लिया है, जिसके बाद इलाके में ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है।
बीकानेर। कोलायत क्षेत्र स्थित गंगा सरोवर कैचमेंट एरिया में अवैध खनन के वास्तविक आकलन के लिए मंगलवार से ड्रोन सर्वे शुरू हो गया। राजस्थान पत्रिका की ओर से बड़े पैमाने पर खनन माफिया की गतिविधियों का खुलासा करने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तत्काल नवीनतम तकनीक से जांच के निर्देश दिए थे। इसी के तहत खान विभाग ने जियोलॉजी और माइनिंग विंग की संयुक्त उच्च स्तरीय टीम मौके पर भेजी है।
ड्रोन सर्वे का नेतृत्व अधीक्षण खनन अभियंता एन. के. बैरवा कर रहे हैं। टीम में धीरज पंवार (खनन अभियंता), मनोहर सिंह राठौड़ (वरिष्ठ भूवैज्ञानिक), करणवीर सिंह (वरिष्ठ भूवैज्ञानिक) और ड्रोन तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। करीब 70-75 हेक्टेयर कैचमेंट क्षेत्र में अवैध खनन की गहराई, फैलाव और खनिज की मात्रा का सटीक आकलन किया जाएगा। सर्वे 3-4 दिनों में पूर्ण करने की योजना है।
पत्रिका के 20 नवंबर के अंक में प्रकाशित विशेष रिपोर्ट 'गंगा सरोवर का कलेजा छलनी: माफिया की लूट, 1900 करोड़ की रॉयल्टी डूबी' के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। प्रथम दृष्टया बड़े पैमाने पर अवैध खनन की पुष्टि होने के बाद बीकानेर के खनन अभियंता महेश प्रकाश पुरोहित को निलंबित किया गया। अब वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मौके पर भेजकर जांच और आकलन शुरू किया गया है।
कैचमेंट एरिया में अवैध रूप से खोदी गई मिट्टी व मौके पर पड़े खनिज का वैज्ञानिक आकलन शुरू हो गया है। जांच पूरी होने के बाद संबंधित प्रकरणों की मात्रा व क्षेत्र में हुए नुकसान और प्रशासनिक लापरवाही पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार होगी। इस कार्रवाई से उन सभी अधिकारियों में हड़कंप है, जिन पर अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी थी। सूत्रों के अनुसार कई और अधिकारी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
प्रमुख सचिव (खनन एवं भूविज्ञान) टी. रविकांत पहले ही समीक्षा बैठकों में अधीक्षण अभियंताओं और फील्ड अधिकारियों को अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई और नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दे चुके हैं। ड्रोन सर्वे उसी दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।