नगर निगम की सफाई व्यवस्था के प्रभावी पर्यवेक्षण पर सवाल उठ रहे है। निगम में स्वच्छता निरीक्षक के पदों पर कुछ ऐसे कर्मचारियों को भी लगाया गया है, जो स्वच्छता निरीक्षक पद की योग्यता के अनुसार नहीं है। कुल 11 सर्कलों में 5 सर्कलों में मंत्रालयिक कर्मचारियों, जमादार और सफाई कर्मचारी को स्वच्छता निरीक्षक का दायित्व सौंपा गया है, जबकि निगम में 28 कर्मचारी ऐसे है, जो स्वच्छता निरीक्षक कार्य करने के लिए आवश्यक डिप्लोमाधारी है।
बीकानेर. कहने को भले ही योग्यताधारी को वरीयता देने और उनकी योग्यता का लाभ लेने की बात होती है, लेकिन नगर निगम में ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था के प्रभावी पर्यवेक्षण कार्य में लगे स्वच्छता निरीक्षकों में से करीब 45 प्रतिशत स्वच्छता निरीक्षक (एसआई) ऐसे भी हैं, जिनका मूल पद मंत्रालयिक कर्मचारी, जमादार और सफाई कर्मचारी का है व इनके पास स्वच्छता निरीक्षक कार्य के लिए आवश्यक डिप्लोमा भी नहीं है। इसके बावजूद इनको एसआई का कार्यभार सौंपा हुआ है। जबकि दूसरी ओर नगर निगम में 28 ऐसे कर्मचारी हैं, जिनके पास एसआई का डिप्लोमा है व योग्यता भी हैं, लेकिन उनको एसआई कार्य से दूर ऑफिस कार्य, वार्डों और डंपिंग यार्ड इत्यादि में नियुक्त कर रखा है।
80 वार्ड, 11 सर्किल
नगर निगम क्षेत्र में कुल 80 वार्ड हैं। प्रत्येक वार्ड में सफाई कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए एक-एक जमादार नियुक्त है। इन 80 वार्डों को कुल 11 सर्किलों में बांट रखा है। प्रत्येक सर्किल में 7 से 8 वार्ड हैं। वार्डों में प्रतिदिन होने वाले सफाई कार्यों के लिए पर्यवेक्षण का कार्य इन स्वच्छता निरीक्षकों (एसआई) के जिम्मे है।
उठ रहे सवाल
नगर निगम के पास डिप्लोमाधारी व पद की योग्यता अनुसार योग्य कर्मचारियों की मौजूदगी के बाद भी अन्य संवर्गों के कर्मचारियों को एसआई पद पर नियुक्त करने से निगम प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। जिन कर्मचारियों ने एस आई डिप्लोमा की योग्यता हासिल कर रखी है, उनको कार्य का अवसर नहीं मिलने पर रोष भी है। निगम में अनेक ऐसे जमादार भी हैं, जो वरिष्ठता के साथ वर्षों का कार्य अनुभव भी रखते हैं। उनकी भी अनदेखी कर अन्य संवर्गों के कर्मचारियों को एसआई की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मूल पद अनुसार करवाया जाए कार्य
कर्मचारियों से उनके मूल पदों के अनुसार ही कार्य करवाया जाना चाहिए। राज्य सरकार, डीएलबी व नगर निगम से अनेक बार यह मांग की जा चुकी है। सफाई कर्मचारी नेता शिव लाल तेजी के अनुसार सफाई कर्मचारियों से उनके मूल पद अनुसार ही कार्य करवाए जाने को लेकर डीएलबी कई बार आदेश जारी कर चुका है, लेकिन निगम प्रशासन आदेशों की पालना नहीं कर रहा है। सफाई कर्मचारी, जमादार, मंत्रालयिक कर्मचारियों से स्वच्छता निरीक्षक का कार्य करवाया जाना सही नहीं है।
मंत्रालयिक व सफाई कर्मचारी बने एसआई
नगर निगम क्षेत्र में 11 सर्किल की व्यवस्था है। प्रत्येक सर्किल में एक-एक स्वच्छता निरीक्षक नियुक्त है। वर्तमान में नियुक्त 11 स्वच्छता निरीक्षकों में से 5 स्वच्छता निरीक्षकों के पास एसआई का डिप्लोमा ही नहीं है। पांच स्वच्छता निरीक्षकों में दो मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारी है। जबकि दो जमादार है व एक सफाई कर्मचारी है। इन पांच कर्मचारियों को मूल पद के इतर एस आई का कार्यभार सौंपा हुआ है।
ली जाएगी जानकारी
स्वच्छता निरीक्षक के पदों पर अन्य सवंर्ग के कर्मचारियों को कार्य सौंपने की जानकारी ली जाएगी। योग्यताधारी कार्मिक ही संबंधित पद पर नियुक्त हों, इसे सुनिश्चित किया जाएगा। वहीं निगम की ओर से डीपीसी के माध्यम से पदों को भरने के लिए भी प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।
-मयंक मनीष, आयुक्त, नगर निगम, बीकानेर।