बीकानेर के महाजन रेंज में भारतीय सेना ने गुरुवार को लाइव वार एक्सरसाइज में आधुनिक हथियारों, ड्रोन और टैंकों की ताकत दिखाई। लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा, सेना हर परिस्थिति के लिए तैयार है।
बीकानेर: तेज हवाओं के बीच गुरुवार को महाजन रेंज की धरती उस वक्त गूंज उठी, जब भारतीय सेना ने लाइव वार एक्सरसाइज में आधुनिक हथियारों, ड्रोन और टैंकों की ताकत दिखाई। दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने बाद में इसे और स्पष्ट करते हुए कहा, भारतीय सेना हर परिस्थिति के लिए हर पल तैयार है। हमारी तैयारी सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं, बल्कि भविष्य के युद्ध के हर स्वरूप के लिए है।
जनरल सिंह ने बताया कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य और आधुनिक युद्ध की प्रकृति को देखते हुए अब 70 प्रतिशत ट्रेनिंग नाइट मोड में और सिर्फ 30 प्रतिशत दिन में की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब युद्ध केवल हथियारों का नहीं, बल्कि तकनीक, डेटा और त्वरित प्रतिक्रिया का भी है। उन्होंने कहा, हम अनआर्म्ड वारफेयर की दिशा में काम कर रहे हैं, जहां ड्रोन, सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से निर्णय गति और सटीकता दोनों बढ़ेगी।
अभ्यास में ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीक का उपयोग विशेष रूप से देखने को मिला। निगरानी, लक्ष्य-निर्धारण और अटैक, तीनों चरणों में ड्रोन का इस्तेमाल हुआ। काउंटर-ड्रोन यूनिट्स ने आक्रामक विमानों को निष्क्रिय करने की रणनीतियों का भी प्रदर्शन किया। जनरल सिंह ने कहा कि सिंदूर-01 जैसे हालिया वैश्विक युद्ध अभियानों से हमने तकनीकी अनुकूलन की दिशा में बहुत कुछ सीखा है।
भारतीय सेना अब केवल पारंपरिक प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहना चाहती। अभ्यास के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिमुलेशन, डेटा-लिंक्ड कम्युनिकेशन और रियल-टाइम सर्विलांस के प्रयोग भी किए गए।
जनरल सिंह ने कहा, भविष्य का युद्ध टेक्नोलॉजी और इन्फॉर्मेशन डॉमिनेंस का होगा और हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। अभ्यास के समापन पर रेंज में मौजूद अधिकारियों और जवानों ने एक स्वर में ‘जय हिंद’ का उद्घोष किया। महाजन की तपती रेत में सेना ने यह संदेश दिया कि भारत की सीमाएं सिर्फ बाड़ तक नहीं, बल्कि उसकी सोच तक सुरक्षित हैं।
महाजन रेंज पर हुए इस अभ्यास में भारतीय सेना ने यह दिखाया कि जवाबी कार्रवाई में कम से कम नुकसान और अधिकतम प्रभाव कैसे हासिल किया जा सकता है। अभ्यास के दौरान विभिन्न यूनिटों ने सहयोगी कमांड और फायर सपोर्ट की बेहतरीन मिसाल पेश की।
रेगिस्तानी मैदान पर जब टी-72 टैंक आगे बढ़े, तो उनकी गर्जना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। मिसाइल फायरिंग और ग्राउंड अटैक की रिहर्सल ने सशक्त भारत-मजबूत भारत की संकल्पना को मूर्त रूप दिया। मशीनगनों से लेकर फील्ड आर्टिलरी तक हर हथियार की भूमिका का बारीकी से परीक्षण किया गया।