क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी के कारण आए दिन विद्युत व्यवस्था बिगड़ रही है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। जबकि जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे है।
कागजों में पर्याप्त स्टाफ, जमीन हकीकत अलग, विद्युत संबंधी समस्याओं को लेकर आमजन होना पड़ रहा परेशान
खाजूवाला में विद्युत वितरण निगम की ओर से विद्युत लाइनों के रखरखाव एवं फॉल्ट आदि को समय पर दुरुस्त करने के लिए फॉल्ट रिफ्लेक्शन टीम (एफआरटी) का संध्या कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर किया गया। इसके अंतर्गत कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्रों में ठेकेदार की ओर से पर्याप्त कर्मचारी लगाने एवं विद्युत व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए कार्य दिया गया है। जबकि क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी के कारण आए दिन विद्युत व्यवस्था बिगड़ रही है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। जबकि जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे है।
गौरतलब है कि क्षेत्र में आए दिन आंधी व बारिश अथवा अन्य कारणों से विद्युत तार टूट जाते है या उनमें फॉल्ट आ जाता है। इस संबंध में एफआरटी को सूचना देने के कई घंटे तक कार्मिक मौके पर नहीं पहुंचते है, जिससे लोगों को खासी परेशानी होती है। विशेष रूप से भीषण गर्मी में छोटे बच्चों व बुजुर्गों का बेहाल हो जाता है। इसके बावजूद जिम्मेदारों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जब जिम्मेदार अधिकारियों को इसके बारे में अवगत करवाया जाता है, तो कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिल पाता है, छोटी से छोटी विद्युत खराबी को भी ठीक करवाने के लिए या तो घंटों इंतजार करना पड़ता है या फिर कोई प्राइवेट टेक्नीशियन को बुलाना पड़ता है। जबकि नियमानुसार एफआरटी को विद्युत खराबी की शिकायत दर्ज करवाने के बाद कम से कम समय में फॉल्ट हटाना चाहिए। शहरी क्षेत्रों में खाजूवाला विद्युत विभाग में एफआरटी टीम की एक गाड़ीदौड़ रही है। यहां 15 कर्मचारी होने चाहिए, जो तीन शिफ्टों में पांच पांच की टीम लगातार 24 घंटे फील्ड में कार्य करेगी और विद्युत को लगातार सुचारू रखेगी,
नियमों की अनदेखी
विभागीय नियम स्पष्ट रूप से निर्धारित करते हैं कि प्रत्येक एफआरटीगाड़ी पर तीन शिफ्टों में पांच-पांच कर्मचारियों की टीम होनी चाहिए। इस प्रकार से प्रत्येक गाड़ी पर 15 कर्मचारी अनिवार्य है, ताकि लगातार 24 घंटे एफआरटी सक्रिय होकर काम कर सके।
कागजों में दर्ज 15 कर्मचारी, जमीनी स्तर पर नदारद
विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार खाजूवाला में एफआरटी की एक गाड़ी पर 15 कर्मचारियों को तैनात दिखाया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन कर्मचारियों की संख्या बहुत ही कम है। इससे स्पष्ट भी होता है, विभाग के अधिकारियों की ओर से कागजों में संख्या दिखाकर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कर्मचारियों की कमी से सेवाओं पर असर
एफआरटी टीम का मुख्य कार्य विद्युत आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा को जल्द ठीक करना होता है। कर्मचारियों की कमी के कारण इस कार्य में भी देरी हो जाती हैं, जिससे आमजन को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, शिकायतें दर्ज होने के बावजूद भी समय पर समाधान नहीं हो पाता, जिससे जनता का विद्युत विभाग पर विश्वास भी कम हो रहा हैं।
आमजन का आक्रोश
एफआरटी में इस तरह फर्जीवाड़े के चलते आमजन में आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि संबंधित विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जल्द ही इस तरह के मामलों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नही की गई तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
जांच करवाएंगे
इस बारे में जांच करवाएंगे। यदि ऐसा मामला सामना आया, तो रिपोर्ट तैयार कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
भोजराज, एईएन, विद्युत निगम, खाजूवाला